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मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने मनाया आपातकाल विरोधी काला दिवस, लोकतंत्र सेनानियों का किया सम्मान

कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने आपातकाल के विरोध में काला दिवस मनाया. साथ ही इस अवसर पर लोकतंत्र सेनानियों का सम्मान किया.

मंत्री सूर्य प्रताप शाही
मंत्री सूर्य प्रताप शाही

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Published : Jun 25, 2023, 5:56 PM IST

कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही

लखनऊः कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने रविवार को आपातकाल के विरोध में काला दिवस मनाया. कालिदास मार्ग स्थित अपने आवास पर उन्होंने लोकतंत्र सेनानियों का भी सम्मान करते हुए नमन किया. कार्यक्रम में लोकतंत्र सेनानी रहे पूर्व विधानसभा अध्यक्ष नारायण दीक्षित, वरिष्ठ पत्रकार अच्युतानंद मिश्र, के विक्रम राव, पूर्व एमएलसी विंध्यवासिनी कुमार, पूर्व राज्य मंत्री राजेंद्र तिवारी सहित काफी संख्या में कार्यक्रम में आये लोकतंत्र सेनानियों को अंग वस्त्र पहनाकर मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने सम्मानित किया.

इस अवसर पर कृषि मंत्री सूर्य प्रताप सिंह ने कहा कि आज के दिन सभी विपक्षी दलों के नेताओं को जेल में डाल दिया गया था. उन्होंने कहा कि हम सब उसके भुक्तभोगी हैं. आज मैं उन सभी लोगों को अपनी ओर से नमन करता हूं. उन सभी लोगों का सम्मान करता हूं, जो इस काले दिवस में सरकार से लड़े. ऐसा काला दिवस इतिहास में दोहराया न जा सके इसलिए सब को जागरुक करना जरूरी है

कृषि मंत्री ने कहा कि जयप्रकाश नारायण, अटल बिहारी वाजपेई, स्वर्गीय चंद्रशेखर सहित हमारी पार्टी की विभूतियों को जेल में डाल दिया गया और कारागार के रूप में बदल दिया गया था. मजबूत लोकतंत्र बचाने के लिए आलोचना करते हैं. इन लोगों को समय आने पर बार-बार सबक सिखाया जाएगा. कहा कि आपातकाल लगाने वाली कांग्रेस को भविष्य में इनकी कोई भी कोशिश देश की जनता नाकाम करेगी.

वैदिक काल से यह अत्यंत मजबूत है. लोकतंत्र को समाप्त करने की कोई भी कोशिश करेगा तो वह स्वयं समाप्त हो जाएगा. यह हमारे सामने है,लाखों लोगों को जेल कारागार में डाले गए लाखों लोगों पर फर्जी मुकदमे कायम किए गए कइयों की हत्या की गई, रेल की पटरी उखाड़ने, दुकानों को लूटने और बरेली कारागार में नाखून के भीतर कटीले तार लगाकर बांधा गया उनको कभी माफ नहीं किया जा सकता है.

मंत्री शाही ने कहा कि अगर लोकतंत्र खतरे में होता तो कि मैनपुरी चुनाव कैसे जीते हैं. सभी जगहों पर लोकतांत्रिक तरीके से चुनी गई सरकार है. अगर लोकतंत्र की हत्या हुई होती तो ऐसा संभव नहीं था. कांग्रेस पार्टी ने और उनकी हुकूमत ने 1992 में 6 दिसंबर को पहला लोकतंत्र पर हमला किया. 25 जून को गिरफ्तार करने के बाद पहले उन को पकड़ा गया. हमारे देश के तमाम पत्रकारों को जेल के भीतर डाला गया था. कांग्रेस के एमएलए होने के बावजूद लोगों को जेल के भीतर भेज दिया गया था. कांग्रेस आज कहती है लोकतंत्र खतरे में है, इन आरोपों पर मंत्री ने कहा कि के आरोपों को जस्टिस जगमोहन रायसिना ने बेबुनियाद है. प्रदेश के रायबरेली के चुनाव को अवैध घोषित किया और यह कहा कि सरकारी सुविधाओं का दुरुपयोग किया.

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