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'हमसे बड़े भाजपाई नहीं हो' कहने वाले ADM प्रोटोकॉल का तबादला - आगरा एडीएम प्रोटोकॉल का तबादला

आगरा ADM प्रोटोकॉल पुष्पराज सिंह का ट्रांसफर लखनऊ के उप आवास आयुक्त पद पर किया गया है. बता दें कि पुष्पराज सिंह का दो दिन पहले आगरा में भाजपा नेता से विवाद हुआ था. उन्होंने भाजपा नेता से कहा था कि 'हमसे बड़े भाजपाई नहीं हो तुम'. इस मामले में शासन ने कार्रवाई करते हुए उनका तबादला कर दिया है.

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पुष्पराज सिंह का तबादला.

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Published : May 6, 2021, 9:55 PM IST

लखनऊ: पीसीएस अफसर व एडीएम प्रोटोकॉल आगरा पुष्पराज सिंह द्वारा आगरा में भाजपा नेता से 'हमसे बड़े भाजपाई नहीं हो तुम' कहने के मामले में शासन ने संज्ञान लिया है. नियुक्ति एवं कार्मिक विभाग ने एडीएम प्रोटोकॉल पुष्पराज सिंह का ट्रांसफर कर दिया है.

हिमांशु गौतम नए एडीएम प्रोटोकॉल आगरा बने
नियुक्ति एवं कार्मिक विभाग ने आगरा के ADM प्रोटोकॉल के पद पर हिमांशु गौतम को नई तैनाती दी है, जबकि पुष्पराज सिंह को उप आवास आयुक्त लखनऊ बनाया गया है. इसके साथ ही आईएएस मनिक नदन ए. को आगरा का नया सीडीओ बनाया गया है. वहीं बस्ती के ज्वॉइंट मजिस्ट्रेट IAS नंद किशोर कमाल को इसी पद पर वाराणसी भेजा गया है.

पूर्व आईपीएस अफसर अमिताभ ठाकुर ने की थी कार्रवाई की मांग
बता दें कि बीते दिनों पीसीएस अफसर पुष्पराज सिंह ने सार्वजनिक रूप से एक राजनीतिक पार्टी के प्रति प्रतिबद्धता स्वीकार की थी. इस संबंध में पूर्व आईपीएस अफसर अमिताभ ठाकुर ने कार्रवाई की मांग की थी. जिसके बाद आज कार्रवाई करते हुए शासन ने उनका ट्रांसफर कर दिया.

ये था मामला
आगरा में भाजपा महानगर अध्यक्ष भानु महाजन और पुष्पराज सिंह के बीच विवाद हुआ था. जिसका एक वीडियो भी वायरल हुआ था. वीडियो में पुष्पराज सिंह सार्वजनिक रूप से कह रहे थे- 'दो मिनट में नशा उतार दूंगा तुम्हारा, हमसे बड़े भाजपाई नहीं हो तुम. साल 1998 में मैं भी एबीवीपी में रहा हूं.'

पीसीएस अधिकारी का यह आचरण सेवा नियमावली के खिलाफ
पूर्व आईपीएस अधिकारी अमिताभ ठाकुर ने कहा कि था कि एक पीसीएस अधिकारी द्वारा सार्वजनिक रूप से इस प्रकार स्वयं को एक राजनीतिक पार्टी का सदस्य बताना नियमावली के खिलाफ है. उन्होंने कहा कि एक सरकारी अधिकारी से पूर्ण राजनीतिक निष्पक्षता की उम्मीद होती है. यह एक अत्यंत गंभीर प्रशासनिक स्थिति को दर्शता है. साथ ही उत्तर प्रदेश की नौकरशाही की निष्पक्षता पर गहरे प्रश्न चिह्न लगाता है. ऐसे अफसर के खिलाफ कार्रवाई की जाए.

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