लखनऊ: राजधानी में सहारा हॉस्पिटल ने दो दिन पहले बुधवार को गंभीर हालत बीमार होने के कारण हेड कांस्टेबल निजामुद्दीन से भर्ती के नाम पर 179000 रुपए एडवांस में जमा कराए. हेड कांस्टेबल की इलाज के दौरान शुक्रवार को सुबह 10 बजे मौत हो गई. वहीं पैसे को लेकर सहारा हॉस्पिटल में किसी तरह की छूट नहीं दी गई.
क्या है पूरा मामला
नाका थाना में हेड कांस्टेबल के पद पर निजामुद्दीन यूपी 112 पर तैनात थे. दो दिन पहले गंभीर रूप से बीमार होने के कारण सिपाही को सहारा हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया. सहारा हॉस्पिटल में एडवांस में पैसों की मांग की गई, इसके बाद परिजनों ने एडवांस में 179000 रुपए जमा करा दिए. वहीं शुक्रवार को इलाज के दौरान सुबह करीब 10 बजे सिपाही ने दम तोड़ दिया. परिजनों ने हॉस्पिटल से बचे हुए पैसों की मांग की तो हॉस्पिटल प्रशासन अपना पल्ला झाड़ते हुए नजर आया. मृतक सिपाही के परिजनों ने आरोप लगाया कि अस्पताल प्रशासन की तरफ कोई छूट नहीं दी गई. इसके बाद मृतक के परिजन निराश होकर सिपाही की डेड बॉडी लेकर हॉस्पिटल से चले गए.
लखनऊ: अस्पताल ने इलाज के लिए जमा कराया एडवांस, मौत के बाद भी नहीं लौटाया बकाया
यूपी के लखनऊ में दो दिन पहले हेड कांस्टेबल के इलाज के लिए सहारा अस्पताल ने 179000 रुपए एडवांस में जमा कराए थे. शुक्रवार को इलाज के दौरान हेड कांस्टेबल की मौत हो गई. वहीं पैसे को लेकर सहारा हॉस्पिटल में किसी तरह की छूट नहीं दी गई और न ही बाकी के पैसे मृतक के परिजनों को लौटाए गए.
थाना.
विभूति खंड थाना प्रभारी ने बताया कि परिजनों से मिली जानकारी के अनुसार निजामुद्दीन यूपी 112 नाका थाने में हेड कांस्टेबल पद पर तैनात था. उन्हें बीते 2 दिन पहले बुधवार को इलाज के लिए सहारा हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था. इलाज के लिए अस्पताल ने 179000 रुपए जमा करवाए थे. इलाज के दौरान हेड कांस्टेबल की मौत हो गई. हॉस्पिटल की मनमानी के चलते जमा की गई राशि में किसी तरह की रियायत नहीं बरती गई, जिसको लेकर जांच की जा रही है.