लखनऊ: पीपीपी मॉडल पर जब प्रदेश का पहला बस स्टेशन आलमबाग बनकर तैयार हुआ, तो इसकी चर्चा देशभर में हुई. बस स्टेशन के उद्घाटन के बाद प्रदेश में इसी तर्ज पर अन्य बस स्टेशनों के निर्माण का फैसला लिया गया. आलमबाग बस अड्डे के उद्घाटन अवसर पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पीपीपी मॉडल पर 21 बस स्टेशनों का निर्माण इसी तर्ज पर किए जाने की घोषणा कर दी. विभागीय अधिकारियों ने दो अन्य बस स्टेशनों को इस लिस्ट में शामिल किया और कंपनी की खोज की कवायद शुरू हुई. इसके लिए रोडवेज के अधिकारियों ने कई कंपनियों के प्रतिनिधियों से मुलाकात की और अपना प्रोजेक्ट प्रस्तुत किया. इतना ही नहीं बस स्टेशनों में कंपनियों को लाभ दिखाने के लिए राजधानी के होटल में इंवेस्टरों को बुलाया गया. अब सरकार के पांच साल पूरे होने को हैं और पीपीपी मॉडल पर एक भी नया बस स्टेशन नहीं बन पाया.
रोडवेज अधिकारियों के अनुसार प्रदेश में बस स्टेशनों के निर्माण के अध्ययन के लिए रोडवेज अफसरों की टीम गुजरात गई. गुजरात में अध्ययन के बाद लखनऊ के आलमबाग में पीपीपी मॉडल पर पहला बस स्टेशन तैयार हुआ. इस बस स्टेशन में मौजूद अत्याधुनिक सुविधाएं और हाइटेक सिस्टम की चर्चा देश ही नहीं, बल्कि विदेशों तक हुई. साल 2018 में आलमबाग बस स्टेशन का अनावरण मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने किया. परिवहन निगम के अधिकारी इस बस स्टेशन के उद्घाटन के बाद अन्य बस स्टेशनों के निर्माण के लिए कंपनियों की तलाश में लग गए. नियम और शर्तें तैयार हुईं. अधिकारियों ने कई कंपनियों के प्रतिनिधियों के साथ मीटिंग की. बावजूद इसके अधिकारियों के प्रयासों का कोई परिणाम नहीं निकला. पीपीपी मॉडल का यह सौदा कंपनियों को घाटे का सौदा लगा. नतीजतन, तीन साल बाद भी कोई बड़ी कंपनी इस प्रोजेक्ट में अपनी रुचि नहीं दिखा रही है.
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आलमबाग बस स्टेशन पर यात्रियों को ठंडी हवा के लिए एयर कंडीशन, मॉडल टॉयलेट, खाने पीने के लिए बेहतरीन कैंटीन की व्यवस्था है. यात्रियों के सामान की जांच के लिए स्कैनर लगा है. मसाज के लिए मशीनें भी लगी हुई हैं. खरीदारी के लिए कई उत्पादों की दुकानें हैं. इसके अलावा सस्ती दर पर यात्रियों को सस्ती दर पर ठहरने के लिए कमरों का निर्माण हो रहा है. साथ ही यहीं पर मल्टीप्लेक्स भी बनाया जा रहा है.