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LU में पढ़ रहे 60 से ज्यादा अफगानी छात्र, परिजनों को लेकर हैं बेचैन - taliban take over afghanistan

अफगानिस्तान पर तालिबान का पूरी तरह से कब्जा हो चुका है. जिसके बाद से पूरे अफगानिस्तान में अफरा-तफरी का माहौल है. भविष्य की चिंता में लोग देश छोड़कर भाग रहे हैं. इस बीच वे छात्र जो दूसरे देशों में रहकर पढ़ाई कर रहे हैं उन्हें अपनों की चिंता सताने लगी है. लखनऊ विश्वविद्यालय में करीब 60 छात्र नरेंद्र देव छात्रावास में रहकर पढ़ाई कर रहे हैं, इन्होंने अपने परिजनों की स्थिति और देश के हालात पर चिंता जताई है.

परिजनों को लेकर बेचैन हैं अफगानी छात्र
परिजनों को लेकर बेचैन हैं अफगानी छात्र

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Published : Aug 17, 2021, 6:22 PM IST

लखनऊ: मीडिया का हर नया अपडेट अब डरा रहा है. रह-रहकर घरवालों की चिंता हो रही है. उनकी मदद के लिए हम वहां जा भी नहीं सकते. हमारा देश बिखर रहा है. अब न तो भविष्य दिख रहा है और न ही वर्तमान. डरे, सहमे और घबराहट से भरी यह बातें अफगानिस्तान के उन छात्रों की है, जो लखनऊ विश्वविद्यालय में रहकर पढ़ाई कर रहे हैं. तालिबान के कब्जे के बाद संकट का सामना कर रहे अफगानिस्तान में रह रहे इन छात्रों के परिजनों का क्या हाल है, इनको जानकारी भी नहीं मिल पा रही है. हालात ऐसे हैं कि ये अभी वहां जा भी नहीं सकते.

बता दें कि भारत से मैत्री संबंध रखने वाले अफगानिस्तान में लोकतांत्रिक व्यवस्था की चूलें हिल गईं हैं. राष्ट्रपति से लेकर अधिकतम मंत्री और जनप्रतिनिधि देश छोड़कर पलायन कर चुके हैं. अफगानिस्तान में लोकतंत्र की बलि चढ़ाकर इस्लामी कट्टरपंथी संगठन तालिबान ने लाखों लोगों का भविष्य अंधकारमय कर दिया है. बड़ी संख्या में अफगानी लोग देश की सीमा को पार करने के जद्दोजहद कर रहे हैं. विदेशी व्यापारियों में खलबली मची हुई है. इस बीच लखनऊ विश्वविद्यालय में अध्ययन करने आये अफगानी छात्रों को अब अपने परिवार और भविष्य की चिंता सता रही है. करीब 60 से ज्यादा इन अफगानी विद्यार्थियों का ठिकाना यहां का नरेंद्र देव छात्रावास है.


पूछने पर विदेशी छात्रों के कोऑर्डिनेटर इंटरनेशनल स्टूडेंट्स एडवाइजर सेंटर के प्रो. आरपी सिंह ने ईटीवी भारत को बताया कि इन विद्यार्थियों की बेचैनी बढ़ गई है. सभी अपने घरवालों की चिंता कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि कट्टरपंथियों का डर अब इन सबके चेहरे और बातों में झलक रहा है. वह अपने परिजनों की मदद के लिए वहां जाना चाहते हैं, मगर हालात ऐसे नहीं हैं. इसीलिए उनकी बेबसी चेहरे से ही झलक रही है. उन्होंने कहा कि वह इतने सहम गए हैं कि मीडिया के सामने नहीं आना चाहते हैं. उन्हें उनका भविष्य भी अब अंधेरे में दिख रहा है.
परिजनों को लेकर बेचैन हैं अफगानी छात्र

अफगानी छात्र मुक्तदर ने कहा कि हमारे देश में लखनऊ यूनिवर्सिटी में पढ़ना एक गौरव की बात है. मेरे जैसे ही कई स्टूडेंट्स यहां पढ़ते हैं. जब से तालिबान के कब्जे की खबर मिली है तब से हम सब परेशान हो गए हैं. सोशल मीडिया के पोस्ट देखकर डर गहराता जा रहा है. हम अपनों से बात करना चाहते हैं, लेकिन कई लोगों से संपर्क नहीं हो पा रहा है. हमें घर की चिंता सता रही है. भविष्य में हमारा क्या होगा, यह भी समझ में नहीं आ रहा है.

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एक अन्य पीएचडी स्कॉलर नेमतुल्लाह बताते हैं कि वह अफगानिस्तान के गजनी प्रांत से हैं. फिलहाल उनकी पत्नी और बेटी उनके साथ लखनऊ में ही रहती है, लेकिन उनकी मां और भाई इस समय अफगानिस्तान में हैं. वह काबुल प्रांत में हैं. नेमतुल्लाह कहते हैं कि अभी स्थिति फिर भी ठीक है, लेकिन आगे क्या हो जाएगा इसका कोई भरोसा नहीं है.

काबुल के रहने वाले एक अन्य पीएचडी स्कॉलर अपने परिवार को लेकर बेहद आशंकित है. नाम न छापने की शर्त पर उन्होंने बताया कि उनकी मां-बेटी और पत्नी वहां हैं. अभी क्या होगा होगा? यह सोच कर भी दिल दहल जाता है.

अफगानिस्तान पर तालिबान का कब्जा

बता दें कि अफगानिस्तान के हालिया घटनाओं पर अब पूरी दुनिया की नजर बनी हुई है. तालिबान ने काबुल में राष्ट्रपति भवन पर कब्जा कर लिया है. तालिबान जिसे 09/11 के हमले के बाद 2001 में अमेरिका ने अफगानिस्तान से बाहर कर दिया था. अब तक तालिबान ने अफगानिस्तान पर पूरी तरह से कब्जा कर चुका है. जिसके बाद से काबुल समेत दूसरे प्रांतों से भारी अफरा-तफरी की तस्वीर भी सामने आ रही है आई. लोग जान बचाकर सुरक्षित जगहों पर जाने के लिए बेताब दिखे. साथ ही तालिबान द्वारा अफगानिस्तान में पूरी तरह से कब्जा करने के बाद पड़ोसी देश सतर्क हो गए हैं. भारत समेत कई देशों ने अफगानिस्तान के लिए उड़ाने भी रद्द कर दी है.

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