लखनऊ: हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच के अधिवक्ता सोमवार को न्यायिक काम पर वापस लौट आए. जिसके बाद कोर्ट का कामकाज सुचारू रूप से चालू हो गया. बता दें कि अधिवक्ता 24 फरवरी से ही न्यायिक कार्य का बहिष्कार कर रहे थे.
12 दिन बाद काम पर लौटे हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच के अधिवक्ता
हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच के अधिवक्ता सोमवार को न्यायिक काम पर वापस लौट आए. बार की ओर से यह कहा गया कि अधिवक्ताओं ने अपनी 4 सूत्रीय मांग को नहीं छोड़ा है. लखनऊ बेंच के क्षेत्राधिकार का विस्तार, जीएसटी ट्रिब्युनल के स्टेट बेंच की लखनऊ में स्थापना, एजुकेशन ट्रिब्युनल का विरोध और कम्पनी लॉ ट्रिब्युनल की भी लखनऊ में स्थापना को लेकर यहां के अधिवक्ता संघर्ष जारी रखेंगे.
अधिवक्ताओं के काम पर लौटने की घोषणा 6 मार्च को ही अवध बार एसोसिएशन ने कर दी थी. हालांकि बार की ओर से यह भी कहा गया कि अधिवक्ताओं ने अपनी 4 सूत्रीय मांग को नहीं छोड़ा है. लखनऊ बेंच के क्षेत्राधिकार का विस्तार, जीएसटी ट्रिब्युनल के स्टेट बेंच की लखनऊ में स्थापना, एजुकेशन ट्रिब्युनल का विरोध और कम्पनी लॉ ट्रिब्युनल की भी लखनऊ में स्थापना को लेकर यहां के अधिवक्ता संघर्ष जारी रखेंगे.
बार की ओर से कहा गया है कि उन्हें शिक्षक और व्यापारी संगठनों का समर्थन भी प्राप्त है. संत कबीर नगर, पीलीभीत, बदायूं, बुलंदशहर, गोरखपुर, मेरठ शाहजहांपुर के बार एसोसिएशनों समेत लखनऊ के विभिन्न बार एसोसिएशनों का समर्थन उन्हें प्राप्त है. इन बार एसोसिएशनों के पदाधिकारी अवध बार की बैठकों में आकर अपना समर्थन जता चुके हैं. बताया गया कि अधिवक्ताओं के साथ शिक्षकों और व्यापारियों के प्रतिनिधियों का एक क्षेत्राधिकार संघर्ष समिति बनाकर अपनी मांगों के समर्थन में आंदोलन को गति प्रदान किया जाएगा. प्रत्येक रविवार को सुबह इस समिति की ऑनलाइन बैठक आयोजित की जाएगी, साथ ही 12 मार्च को समिति के तत्वाधान में कैंडिल लाइट मार्च हजरतगंज में किया जाएगा.