लखनऊ:सूबे में अगले साल होने जा रहे विधानसभा चुनाव की तैयारियों में जुटी सियासी पार्टियां अब सरेआम एक-दूसरे पर हमले कर रही हैं और खुद को जनता का हितौषी साबित करने का कोई मौका हाथ से नहीं जाने दे रही हैं. खैर, ऐसा करे भी क्यों नहीं, क्योंकि विधानसभा चुनाव को भले ही अभी वक्त है, लेकिन बिसात तो अभी से ही बिछ गई है. लेकिन इस बीच सामने आई ADR विश्लेषण रिपोर्ट में साफ तौर पर इस बात का उल्लेख किया गया है कि 2012 की तुलना में 2017 के विधानसभा चुनाव में जीतकर विधानसभा पहुंचे आपराधिक पृष्ठभूमि वाले नेताओं की संख्या अधिक थी.
रिपोर्ट में बताया गया कि 2012 में आपराधिक पृष्ठभूमि वाले नेताओं की कुल संख्या 98 थी, जिसके खिलाफ गंभीर धाराओं में मामले दर्ज होने की बात सामने आई थी तो वहीं, 2017 में इनकी संख्या बढ़कर 107 हो गई. वर्तमान में सियासी पार्टियां गठजोड़ करने और प्रत्याशियों के चयन को तरह-तरह के उपाय कर रही हैं, क्योंकि हर पार्टी को जिताऊ प्रत्याशी की जरूरत है.
वहीं, प्रत्याशियों के चयन का एक पैमाना धनबल और बाहुबल भी है. ऐसे में चलिए अब आपको 2017 के विधानसभा चुनाव में आपराधिक छवि वाले कितने विधायक चुने गए थे के बारे में बताते हैं और खास तौर पर उन विधायकों के बारे में बताएंगे, जिनके खिलाफ गंभीर धाराओं के तहत मामले दर्ज थे.
दरअसल, चुनाव सुधार के लिए काम करने वाली संस्था एसोसिएशन ऑफ डेमोक्रेटिक रिफार्म (एडीआर) ने चुनाव आयोग में जमा विधायकों के एफिडेविट का विश्लेषण कर यह सूची बनाई है. गंभीर अपराधों में वो मामले शामिल हैं, जिनमें 5 साल या उससे अधिक की सजा हो सकती है या फिर वो धाराएं, जो गैर जमानती हैं. इसमें हत्या, दुष्कर्म और अपहरण जैसे मामले शामिल हैं.
ADR का कहना है कि 2017 में यूपी विधानसभा के लिए चुने गए विधायकों में से 107 विधायकों पर संगीन आपराधिक मामले दर्ज थे और यह संख्या कुल विधायकों के 26 फीसद के बराबर है. इससे पहले 2012 में चुने गए विधायकों में ऐसे विधायकों की कुल संख्या 98 थी, जो 24 फीसद के करीब थी.
इन विधायकों पर दर्ज हैं आपराधिक मामले