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बी एवं डी फार्मा की लोकप्रियता बढ़ी, LU में दाखिले के लिए जमा हुए तीन गुना अधिक फार्म

लखनऊ विश्वविद्यालय में शुरू इंस्टिट्यूट ऑफ फार्मास्यूटिकल साइंसेज की लोकप्रियता इतनी बढ़ गई है कि प्रथम राउंड की काउंसिलिंग में ही आधे से ज्यादा सीटे भर गई हैं. जिसमें प्रवेश लेने वाले छात्र भारत के विभिन्न प्रांतों का प्रतिनिधित्व भी कर रहे हैं.

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लखनऊ विश्वविद्यालय में बी फार्मा एवं डी फार्मा में दाखिले

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Published : Oct 4, 2022, 7:32 PM IST

लखनऊ : लखनऊ विश्वविद्यालय (Lucknow University) के कुलपति प्रो. आलोक कुमार राय ने कोविड जैसी महामारी के समय प्रदेश मे उपजी स्थिति देखते हुए लखनऊ विश्वविद्यालय में फार्मा कोर्स प्रारंभ करने का निर्णय लिया था. जमीनी स्तर की तैयारियां करने के बाद इंस्टिट्यूट ऑफ फार्मास्यूटिकल साइंसेज (Institute of Pharmaceutical Sciences) की औपचारिक शुरुआत सत्र 2021-2022 मे बी फार्मा एवं डी फार्मा कोर्स से हुई. एक ही वर्ष पूर्व शुरू किए गए इंस्टिट्यूट ऑफ फार्मास्यूटिकल साइंसेज की लोकप्रियता बढ़ गई है. इस वर्ष पिछ्ले वर्ष की तुलना में लगभग तीन गुना फार्म प्राप्त हुए हैं.

बता दें कि लखनऊ विश्वविद्यालय में शुरू बी फार्मा एवं डी फार्मा ( B Pharma and D Pharma ) कोर्स के प्रथम राउंड की काउंसिलिंग में ही आधे से ज्यादा सीटें भर गई हैं. जिसमें प्रवेश लेने वाले छात्र न केवल प्रवेश परीक्षा के टॉप रैंकिंग वाले छात्र हैं. बल्कि भारत के विभिन्न प्रांतों का प्रतिनिधित्व भी कर रहे हैं. बी फार्मा की प्रक्रिया 06 अक्टूबर से डॉ एo पीo जेo अब्दुल कलाम तकनीकी विश्वविद्यालय लखनऊ के माध्यम से कॉमन यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट (CUET) में पास सदस्यों के रजिस्ट्रेशन एंड काउंसलिंग द्वारा की जा रही है.

इस संस्थान के निदेशक प्रोफेसर पुष्पेंद्र कुमार त्रिपाठी ने कुलपति के विजन एवं मिशन मोड़ में कार्य करने की सराहना करते हुए बताया कि कुलपति द्वारा बनाए गए संस्थान के रोडमैप के अनुसार संस्थान से शिक्षित छात्र न केवल देश विदेशों में रोजगार पा सकेंगे. बल्कि रोजगार देने मे भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे. इसके लिए पाठ्यक्रम मे इंटर्नशिप के साथ ही साथ विश्वविधालय में स्थापित इनक्यूबेशन सेल के माध्यम से स्टार्ट-अप चलाने की ट्रेनिंग भी छात्रों को दी जाएगी. इसके लिए देश की कई बड़ी राष्ट्रीय प्रयोगशालाओं व फार्मास्यूटिकल इंडस्ट्रीज को एक सूत्र में पिरोकर एक नेटवर्क बनाया जा रहा है. इस संदर्भ में सितंबर माह के अंतिम सप्ताह में हुई बैठक मे यूनिक लैबोरेट्रीज, अब्बोट इंडिया, सनफार्मा, अल्केम, फार्मासिस्ट फार्मूलेशन, जी प्राक्सेन, लाइफ केयर इनोवेशन (Life Care Innovation) सहित अनेक नामी कंपनियों के उच्च अघिकारियों के साथ ही उत्तर प्रदेश के फार्मा इंडस्ट्री के संरक्षक वीर अंजनी सक्सेना एवं उत्तर प्रदेश ड्रग रेगुलेशन (Uttar Pradesh Drug Regulation) व अथॉराइजेशन के डॉ. एके जैन भी मौजूद रहे.

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उन्होंने बताया कि आज के युवा कुछ नया करने में बहुत इच्छुक रहते हैं. इसके लिए स्टार्ट-अप एवं शोध की रूचि को संस्थान मे विशेष रूप से प्रोत्साहित किया जा रहा है. इसी संदर्भ मे फार्मासिस्ट दिवस (pharmacist day) के उपलक्ष्य में 25 सितंबर को हुए कार्यक्रम में प्रदेश के विभिन्न विश्वविद्यालयों जिनमें डॉ राम मनोहर लोहिया अवध यूनिवर्सिटी फैजाबाद, आईआईटी बीएचयू , छत्रपति शाहूजी महाराज विश्वविद्यालय कानपूर, ERA विश्वविधालय एवं डॉ एo पीo जेo अब्दुल कलाम तकनीकी विश्वविद्यालय आदि के कई छात्र-छात्राओं द्वारा शोध एवं स्टार्ट-अप संबंधी 60 से ज्यादा पेपर, पोस्टर एवं मैखिक रूप से प्रस्तुत किये गए. उनमे से चुने हुए शोध को इनक्यूबेशन सेल के माध्यम से बढ़ावा देने के लिए संस्थान आवश्यक तकनीकी मार्गदर्शन एवं प्रोत्साहन दे रहा है.

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