लखनऊ :बिना नीट परीक्षा के प्रदेश के आयुष कॉलेजों में नियम विरुद्ध तरीके से 982 छात्रों को प्रवेश दिलाने के प्रकरण में भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के विशेष न्यायाधीश रमाकान्त प्रसाद ने आरोपी आलोक त्रिवेदी की जमानत अर्जी खारिज कर दी है. अदालत में सरकारी वकील नीरज कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि इस मामले में आरोपी समेत 15 लोगों के विरुद्ध एसटीएफ ने 13 फरवरी को न्यायालय में आरोप पत्र दाखिल किया था. इसमें पूर्व आयुर्वेद निदेशक सत्यनारायण सिंह, निलंबित प्रभारी अधिकारी शिक्षा आयुर्वेद निदेशालय डॉ. उमाकांत, वरिष्ठ सहायक आयुर्वेद निदेशालय राजेश सिंह, कनिष्ठ सहायक कैलाश चंद्र भाष्कर व अन्य आरोपियों के खिलाफ भ्रष्टाचार, आईटी एक्ट, धोखाधड़ी, कूटरचना, साजिश करने समेत अन्य आरोप लगाए हैं.
अदालत को बताया गया कि इस मामले की रिपोर्ट 4 नवम्बर 2022 को हजरतगंज थाने में तत्कालीन निदेशक एसएन सिंह ने दर्ज कराई थी. बाद में इस मामले की विवेचना एसटीएफ को सौंप दी गई. आरोप है कि आरोपियों ने ऐसे अभ्यर्थी जिनकी मेरिट कम थी, उन्हें कॉलेज कोटा और सही प्रवेश दिलाने के नाम पर लाखों रुपये लिए और उनका नीट स्कोर कार्ड ले लिया तथा उसकी इलेक्ट्रॉनिक कूटरचना करते हुए प्रतिरूप बनाया तथा धोखाधड़ी से फर्जी तरीके से एडमिशन कराया गया.