लखनऊ:प्रदेश के एडेड माध्यमिक विद्यालयों में पढ़ा रहे तदर्थ शिक्षकों ने शनिवार को भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश मुख्यालय पहुंचकर अपनी मांग रखी. शिक्षकों ने मांगों में कहा कि माध्यमिक शिक्षा विभाग के 2300 शिक्षकों को या तो नियमित किया जाए या फिर उन्हें इच्छा मृत्यु दे दी जाए.
तदर्थ शिक्षकों ने की इच्छा मृत्यु की मांग. टोपी लगाकर पहुंचे शिक्षक
भाजपा प्रदेश मुख्यालय में शनिवार को सभी शिक्षक भाजपा की ही टोपी लगाकर अपनी मांगें लेकर पहुंचे. पहले तो इतनी बड़ी संख्या में लोग भाजपा कार्यालय पहुंचे, तो व्यवस्थापक भी चौक गए कि बिना किसी कार्यक्रम के इस तरह से कार्यकर्ताओं की भीड़ क्यों आई है. बाद में उनसे बात करने पर पता चला कि ये लोग माध्यमिक शिक्षा विभाग के तदर्थ शिक्षक हैं न कि भाजपा कार्यकर्ता. तदर्थ शिक्षकों की मांग है कि उन्हें नियमित किया जाए या फिर इच्छामृत्यु दी जाए. शिक्षकों की भीड़ और नारेबाजी सुनकर प्रदेश महामंत्री संगठन सुनील बंसल बाहर आए, उन्होंने शिक्षकों से बात की और उन्हें आश्वासन दिया. सुनील बसंल के साथ योगी सरकार के मंत्री ब्रजेश पाठक और भाजपा के प्रदेश महामंत्री अमर पाल मौर्य भी मौजूद थे.
50 सालों से दे रहे हैं सेवा
शिक्षक रमेश प्रताप सिंह ने कहा कि यह तदर्थ शिक्षक पिछले 20 वर्षों से माध्यमिक शिक्षा विभाग के एडेड विद्यालयों में पढ़ा रहे हैं. उन्होंने कहा कि हमारी नियमितीकरण की मांग है. 50 साल की उम्र हो गई है और सरकार को इसमें कोई दिक्कत नहीं होगी. कोई आर्थिक भार भी नहीं आएगा. हम लोगों को पहले से ही वेतन मिल रहा है, लेकिन अब हम लोगों से परीक्षा पास करने की बात की जा रही है. ऐसे में हमारे बच्चे कैसे पलेंगे. मां-बाप की देखभाल कैसे होगी. प्रदेश भर में कुल 2300 शिक्षक हैं. हम लोगों ने उस समय में इन विद्यालयों में पढ़ाना शुरू किया था, जब कोई शिक्षक कम पैसे में नहीं मिल रहा था.