लखनऊ: पांच महीनों से लगातार प्रदेश के अलग-अलग जिलों में जहरीली शराब की घटनाएं सामने आ रही हैं. ताजा मामला अलीगढ़ जहरीली शराब कांड (Aligarh Hooch Tragedy) का है. मिथाइल अल्कोहल से युक्त अवैध शराब पीने से 100 से ज्यादा लोगों की जान चली गई. इस मामले में एडीजी कानून व्यवस्था प्रशांत कुमार ने प्रदेश के सभी 75 जिलों के पुलिस अधिकारियों को पत्र लिखकर नाराजगी जताई है. उन्होंने कहा है कि आगे ऐसी घटनाएं ना हों, इसके लिए पुलिस हरसंभव प्रयास करे. इंटेलिजेंस को और मजबूत बनाया जाए. इस तरह की घटनाओं का बार-बार होना यह साबित करता है कि पुलिस और इंटेलिजेंस दोनों ही फेल हैं.
जहरीली शराब की घटनाओं पर दिए कड़े निर्देश
उत्तर प्रदेश के एडीजी कानून व्यवस्था प्रशांत कुमार (Adg Law and Order Prashant Kumar) ने सभी जिले के पुलिस अधिकारियों को एक पत्र लिखकर कड़े निर्देश दिए हैं. पत्र में उन्होंने पुलिस कप्तानों से कहा है कि अवैध शराब का काम करने वाले शराब माफिया के खिलाफ कड़ी कार्रवाई हो. ऐसी घटनाओं की रोकथाम के लिए प्रशासनिक मजिस्ट्रेट, आबकारी अधिकारियों, सीओ की संयुक्त टीम बनाकर ठेकों की नियमित जांच की जाए. इसके अलावा हर जिले की होने वाली क्राइम मीटिंग में आबकारी अधिकारियों को भी बुलाया जाए, ताकि आगे जहरीली शराब की ऐसी घटनाएं दोबारा ना हो.
माफिया पर लगेगा रासुका, संपत्ति होगी कुर्क
एडीजी कानून व्यवस्था प्रशांत कुमार ने पत्र में यह भी स्पष्ट कहा है कि अवैध शराब के धंधे में किसी पुलिसकर्मी या सरकारी कर्मचारी की संलिप्तता पाई गई तो उसके खिलाफ कठोर कार्रवाई होगी. उन्होंने कहा है कि किसी गांव में बार-बार ऐसे अपराधी पकड़े गए तो ग्राम चौकीदार को भी बर्खास्त किया जाएगा. जहरीली शराब से मृत्यु या अपंगता की स्थिति में दोषियों के खिलाफ धारा 60 क के तहत मुकदमा दर्ज किया जाए ताकि उसे मृत्युदंड या आजीवन कारावास के साथ ही 10 लाख रुपये तक के जुर्माने की सजा दिलाई जा सके. इसके साथ ही अपराधियों के खिलाफ गैंगस्टर और रासुका (राष्ट्रीय सुरक्षा कानून) लगाकर उसकी संपत्ति को कुर्क किया जाए.
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