लखनऊ : गाजियाबाद कमिश्नरेट में तैनात महिला इंस्पेक्टर नेहा चौहान ने अपनी पुलिस सेवा के दौरान 1633 पति पत्नियों के बीच विवाद को सुलझा कर उन्हें एक किया. इसी तरह नोएडा कमिश्नरेट में तैनात हेड कांस्टेबल सुनीता ने अपनी सूझ बूझ के चलते 210 परिवारों को टूटने से बचाया. नेहा और सुनीता की ही तरह 25 महिला पुलिस कर्मियों को सोमवार को एडीजी कानून व्यवस्था प्रशांत कुमार ने सम्मानित किया है.
UP Police : सूझ बूझ से सैकड़ों परिवार टूटने से बचाने वाली महिला पुलिसकर्मियों को ADG प्रशांत कुमार ने किया सम्मानित
यूपी पुलिस में तैनात कई महिला पुलिसकर्मियों ने सूझ बूझ के साथ काम (UP Police) किया. महिला पुलिसकर्मियों ने सैकड़ों परिवार टूटने से बचाये. इसको लेकर ADG प्रशांत कुमार ने सम्मानित किया.
राजधानी के 1090 मुख्यालय में सोमवार को इंटरनेशनल महिला दिवस के मौके पर सम्मान समारोह आयोजित किया गया. इस मौके पर उत्तर प्रदेश के सभी जिलों में सराहनीय कार्य करने वाली 25 महिला पुलिसकर्मियों में इतुल चौधरी, आगरा, मधु यादव, आगरा, फूलमती यादव, बनारस, विमला राणा, लखनऊ को पुरस्कृत कर उनके कार्य को सराहा गया. इस दौरान एएसपी नीति द्विवेदी ने सभी पैनल के सदस्यों से समाज में महिलाओं की भूमिका पर चर्चा की. कार्यक्रम में महिला सशक्तीकरण की मिसाल डॉक्टर मनिनी श्रीवास्तव, अवध महिला डिग्री कॉलेज की प्रिंसिपल उपमा चतुर्वेदी, आईपीएस रोहन पी, प्रीती जग्गी ने समाज में महिलाओं की अहम भूमिका पर प्रकाश डालते हुए उनके सराहनीय कार्य और समाज में उनकी स्थिति के बारे में संक्षिप्त और प्रभावशाली ढंग से बताया.
कार्यक्रम में एडीजी प्रशांत कुमार ने कहा कि वो खुद एक मां के बेटे, भाई, पिता और बेटी के पिता हैं. ऐसे में वो जानते हैं कि महिलाओं का समाज में कितना अहम योगदान है. उन्होंने कहा कि हमारे समाज ने बाल विवाह और सती का दंश झेला है. महिलाओं के खिलाफ होने वाले दहेज, छेड़छाड़ जैसे कई अपराधों को लेकर कानून बने, लेकिन इन्हें रोकने के लिए सबसे पहले समाज को शिक्षित करना आवश्यक है. यही सबसे अच्छा तरीका हो सकता है विसंगतियों को दूर करने का.
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