लखनऊ: देशभर में कल यानी मंगलवार को 3 बड़े त्योहार मनाए जाएंगे. जिनमें ईद, परशुराम जयंती और अक्षया तृतीया शामिल हैं. उत्तर प्रदेश में त्योहारों के चलते कानून व्यवस्था चाक-चौबंद रखने के लिए यूपी पुलिस सतर्क है. अपर पुलिस महानिदेशक कानून व्यवस्था प्रशांत कुमार ने कहा है कि इन तीनों त्योहार को देखते हुए सभी जिलों के पुलिस कप्तानों किसी भी कीमत में कानून व्यवस्था से समझौता न करने के सख्त निर्देश दे दिए हैं. उन्होंने कहा है कि धार्मिक विद्वेष भड़काने वालों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी.
एडीजी प्रशांत कुमार ने कहा है कि अगर किसी भी धर्म ग्रंथ के साथ बेअदबी होती है तो कार्रवाई की जाएगी. एडीजी ने बताया कि जहां ईद की नमाज पढ़ी जानी है वहां आवारा और प्रतिबंधित पशुओं के आवागमन पर रोक रहेगी. उन्होंने बताया कि, ईद के दौरान किसी प्रकार सांप्रदायिक सौहार्द न बिगड़े और सुरक्षा-व्यवस्था को देखते हुए 2,846 संवेदनशील स्थानों को चिन्हित किया गया है. प्रशांत कुमार ने बताया कि इस बार ईद के दिन 7,336 ईदगाह , 19,949 मस्जिदों समेत 31,151 जगहों में नमाज पढ़ी जाएगी.
एडीजी लॉ एंड ऑर्डर प्रशांत कुमार एडीजी ने बताया कि पुलिस अधिकारियों को निर्देश दे दिए गए हैं कि कोई भी साजिश के तहत किसी धार्मिक स्थल व धार्मिक ग्रन्थ का अपमान न कर सके इसको लेकर सतर्कता बनाये रखें. उन्होंने बताया कि राज्य में जिन 2,846 संवेदनशील स्थलों को चिन्हित किया गया है, वहां 46 कंपनियां पीएसी, 7 सीएपीएफ कंपनी समेत 4 डिप्टी एसपी आवंटित किए गए है.
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60 हजार से अधिक लाउडस्पीकर हटाए गए
प्रशांत कुमार ने कहा है कि ध्वनि प्रदूषण को कम करने के लिए धार्मिक स्थलों से लाउडस्पीकर हटाने का काम जारी है. अब तक 60,150 लाउडस्पीकर धार्मिक स्थलों से हटाए जा चुके हैं. वहीं, 60,178 लाउडस्पीकर की आवाज कम की गई है. उन्होंने कहा कि लाउडस्पीकरों को हटाने व आवाज को तय सीमा के भीतर करने के लिए राज्यव्यापी अभियान जारी है. बिना किसी भेदभाव के सभी धार्मिक स्थलों से लाउडस्पीकर हटाए जा रहे हैं.
सोशल मीडिया में रहेगी नजर
ADG प्रशांत कुमार ने बताया कि मुख्यालय व जिलों के सोशल मीडिया सेल को भी विशेषरूप से एक्टिव करते हुए सोशल मीडिया के विभिन्न प्लेटफॉर्म पर 24 घण्टे सतर्क नजर रखने के दिशा निर्देश दिए गए हैं. उन्होंने बताया कि जो भी खबर सोशल मीडिया के माध्यम से मिले तो उसका फैक्ट चेक कर सही सूचना दी जाए और अफवाह का खंडन किया जाए व आपत्तिजनक तथ्यों के प्रचार प्रसार को रोका जाए.
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