उत्तर प्रदेश

uttar pradesh

ETV Bharat / state

आउटसोर्सिंग कर्मचारियों के EPF अंशदान कटौती की माॅनीटरिंग की जाए : अपर मुख्य सचिव

अपर मुख्य सचिव श्रम एवं सेवायोजन सुरेश चन्द्रा ने आउटसोर्सिंग पर कार्यरत कर्मचारियों के ईपीएफ अंशदान कटौती की माॅनीटरिंग करने के आदेश दिए हैं. उन्होंने कहा कि प्रदेश के जनपदों में कम्पनियों में कार्यरत कुछ कर्मचारियों के वेतन से ईपीएफ की कटौती नहीं की जा रही है. कुछ मामलों में कम्पनी के नियोक्ताओं द्वारा ईपीएफ की कटौती तो की जा रही है, परन्तु उनके ईपीएफ खातों में कटौती की धनराशि जमा नहीं की जा रही है.

By

Published : Jan 22, 2021, 3:57 AM IST

EPF अंशदान कटौती की माॅनीटरिंग
EPF अंशदान कटौती की माॅनीटरिंग

लखनऊ: प्रदेश सरकार ने केन्द्रीय भविष्य निधि संगठन द्वारा ऐसी व्यवस्था विकसित करने के निर्देश दिये हैं कि नियोक्ताओं द्वारा कम्पनियों में कार्यरत श्रमिकों के ईपीएफ अंशदान को नियमानुसार जमा कराया जा सके. साथ ही नियोक्ताओं द्वारा कर्मचारियों के वेतन से काटी गयी धनराशि के साथ-साथ स्वयं का अंशदान भी समय पर जमा कराया जाए. कर्मचारियों के पीएफ में जमा धनराशि की समय-समय पर उन्हें जानकारी दी जा सके. इसके साथ ही समय पर उनके पीएफ के भुगतान की कार्यवाही आसानी से सुनिश्चित की जा सके. इस संदर्भ में अपर मुख्य सचिव श्रम एवं सेवायोजन सुरेश चन्द्रा ने आदेश जारी कर दिये हैं.

नियमित रूप से जमा नहीं किया जा रहा है ईपीएफ
अपर मुख्य सचिव ने निर्देश दिये हैं कि सेवा प्रदाता एजेन्सी के माध्यम से आउट सोर्सिंग पर कार्यरत जिन विभागों के कार्मिकों का ईपीएफ अंशदान कटौती के उपरान्त कर्मचारी भविष्य निधि संगठन में नियमित रूप से जमा नहीं किया जा रहा है उन विभागाध्यक्ष/मण्डलीय/जनपदीय/तहसील/ब्लाक स्तर के अधिकारियों को सभी विभागों के अपर मुख्य सचिव/प्रमुख सचिव/सचिव अपने स्तर से निर्देशित करें. जिससे कि जिन कार्मिकों के ईपीएफ अंशदान की कटौती आउट सोर्सिंग एजेंसी द्वारा की जा रही हैं, उनकी कटौती को नियमित रूप से कर्मचारी भविष्य निधि संगठन में जमा किया जा सके. कर्मचारी भविष्य निधि संगठन इस प्रकरण में सही समय पर यथावश्यक कार्यवाही कर सकें. उन्होंने निर्देशित किया है कि इस सम्बंध में मानिटरिंग की कार्यवाही नियमित रूप से की जाय.

कर्मचारियों के वेतन से नहीं हो रही कटौती
उन्होंने बताया कि प्रदेश में कर्मचारी भविष्य निधि संबंधी शिकायती प्रकरण मुख्यमंत्री जन सुनवाई संदर्भ पोर्टल और अन्य सोतों के माध्यम से शासन के संज्ञान में आ रहें है. प्रदेश के जनपदों में कम्पनियों में कार्यरत कुछ कर्मचारियों के वेतन से ईपीएफ की कटौती नहीं की जा रही है. कुछ मामलों में कम्पनी के नियोक्ताओं द्वारा ईपीएफ की कटौती तो की जा रही है, परन्तु उनके ईपीएफ खातों में कटौती की धनराशि जमा नहीं की जा रही है. कई मामलों में कर्मचारी एवं नियोक्ता दोनों का अंशदान कर्मचारी के ही वेतन से काटा जा रहा है तथा कर्मचारियों के ईपीएफ में जमा धनराशि के संबंध में उन्हें न तो जानकारी दी जा रही है और न ही कर्मचारी द्वारा निकासी की मांग किये जाने पर समय पर भुगतान हो पा रहा है.

सेवा प्रदाता को किया जा रहा है भुगतान
इसी प्रकार शासकीय एवं अर्द्धशासकीय विभागों में सेवा प्रदाता एजेंसी के माध्यम से आउटसोर्सिंग पर कार्य करने वाले कर्मचारियों के संबंध में भी शासन के संज्ञान में आया है कि शासकीय विभागों द्वारा ईपीएफ अंशदान का भुगतान सेवा प्रदाता को किया जा रहा है, लेकिन सेवा प्रदाताओं द्वारा ईपीएफ अंशदान कर्मचारी भविष्य निधि संगठन के पक्ष में जमा नहीं कराया जा रहा है. यह राज्य सरकार की कल्याणकारी नीतियों के अनुरूप नहीं है.

ABOUT THE AUTHOR

...view details