लखनऊः अपर मुख्य सचिव, सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम डॉ. नवनीत सहगल ने बुधवार को लोकभवन स्थित अपने कार्यालय में यूपी हैंडलूम (UP Handloom) एवं यूपी इंडस्ट्रियल कोआपरेटिव एसोसिएशन (UPICA) की समीक्षा की. इस दौरान उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि पारदर्शी व्यवस्था के तहत विभागीय क्रियाकलापों को आगे बढ़ाया जाए. जेम पर विक्रय के लिए हस्तशिल्पियों एवं उद्यमियों से खरीदे जाने वाले उत्पादों को चिह्नित करें. इसके अलावा टेंडर प्रक्रिया के आधार पर आपूर्तिकर्ता की अंतरिम रेट लिस्ट बनाएं. इससे लेने-देन में पूरी पारदर्शिता सुनिश्चित होगी.
हस्तशिल्पियों एवं उद्यमियों से खरीदे जाने वाले उत्पादों को चिह्नित करें अधिकारीः अपर मुख्य सचिव - Additional Chief Secretary Dr Navneet Sehgal
अपर मुख्य सचिव, सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम डॉ. नवनीत सहगल बुधवार ने यूपी हैंडलूम (UP Handloom) एवं यूपी इंडस्ट्रियल कोआपरेटिव एसोसिएशन (UPICA) की समीक्षा की. इस दौरान उन्होंने अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए.
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डॉ. सहगल ने कहा कि यूपी हैण्डलूम एवं यूपिका में केवल दो बैंक खाते होने चाहिए. पहला कलेक्शन एकाउन्ट तथा दूसरा हैण्डलूम का खाता होगा. इनका समय-समय पर आडिट भी कराया जाये. उन्होंने कहा कि पिछले वर्ष यूपी हैंडलूम के माध्यम 51 करोड़ की बिक्री की गई थी, जिसको बढ़ाया जाए. अपर मुख्य सचिव ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि पीपीपी आधार पर किराये पर दिये शो-रूम समीक्षा की जाए. यदि कोई शोरूम सर्किल रेट से कम है, तो उसका पुनः टेंडर किया जाए. किसी भी हाल में दुकानों का आवंटन सर्किल रेट से कम नहीं होना चाहिए. उन्होंने यह भी निर्देश दिए कि दोनों विभागों में जितने मुकदमें चल रहे हैं, उनकी सूची तैयार कराई जाए. जहां समझौते की संभावना हो, उसका प्राथमिकता से निस्तारण सुनिश्चित किया जाए.