लखनऊ : उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम प्रदेश में पीपीपी मॉडल पर 23 बस स्टेशन बनाने की कोशिशों में जुटा हुआ है, लेकिन निवेशक इंटरेस्ट ही नहीं ले रहे थे. ऐसे में अडानी ग्रुप ने पीपीपी मॉडल के बस स्टेशन बनाने में इंटरेस्ट दिखाया था. परिवहन निगम को अडानी ग्रुप से टेंडर में भागीदारी की पूरी उम्मीद भी थी, लेकिन हाल ही में हुए बड़े घाटे के बाद अब अडानी ग्रुप ने परिवहन निगम के इस टेंडर से अपने हाथ खींच लिए हैं. यानी अब अडानी ग्रुप पीपीपी मॉडल बस स्टेशन के टेंडर में हिस्सेदार नहीं होगा. इससे परिवहन निगम को बड़ा झटका लगा है.
देश के बड़े उद्योगपति गौतम अडानी ने एक साल पहले लखनऊ के चौधरी चरण सिंह एयरपोर्ट में व्यवस्था का काम हथियाया तो यह चर्चा का विषय बन गया था. विभिन्न राजनीतिक दलों ने निजीकरण के मुद्दे को जोरदार तरीके से उठाया भी, लेकिन अडानी ग्रुप लगातार आगे ही बढ़ता रहा. एयरपोर्ट के बाद इस ग्रुप का अगला लक्ष्य उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम के बस स्टेशन बनाने का था. उत्तर प्रदेश में पीपीपी मॉडल के 23 बस स्टेशन बनने हैं और इन्हें बनाने में अडानी ग्रुप बढ़कर आगे आ रहा था, लेकिन हाल ही में अरबों रुपये के घाटे से अडानी ग्रुप ने फिलहाल अब पीपीपी मॉडल के बस स्टेशन बनाने से अपने को अलग कर लिया है. रोडवेज के विश्वस्त सूत्र बताते हैं कि दो दिन पहले ही इस ग्रुप की तरफ से टेंडर प्रक्रिया में हिस्सेदारी न करने की बात कही गई है. हालांकि रोडवेज के अधिकारियों का यह भी मानना है कि देश के तमाम बड़े ग्रुप इस प्रक्रिया में अब तक आवेदन कर चुके हैं और उम्मीद है कि इस बार बस स्टेशन जरूर बन सकेंगे.
Adani Group Pulls Out of PPP Model : रोडवेज के बस स्टेशनों को बनाने का टेंडर अडानी ग्रुप ने छोड़ा, जानिए वजह
लखनऊ के चौधरी चरण सिंह एयरपोर्ट को संवारने वाले अडानी ग्रुप (Adani Group Pulls Out of PPP Model) ने पीपीपी मॉडल पर यूपी में पीपीपी माॅडल पर बनने वाले 23 बस स्टेशनों की टेंडर प्रक्रिया से हाथ खींच लिया है.
ये ग्रुप ले रहे हिस्सा : परिवहन निगम के पीपपी मॉडल बस स्टेशन बनाने में समदारिया ग्रुप ने दो, कसाना ग्रुप ने एक, समृद्धि ग्रुप ने दो, शालीमार ग्रुप ने तीन और ओमेक्स ग्रुप ने पांच बस स्टेशन के लिए टेंडर डाला है. कुल 13 ग्रुप इस टेंडर प्रक्रिया में शामिल होने के लिए अब तक आवेदन कर चुके हैं, लेकिन अडानी ग्रुप बाहर हो गया है. उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम के अधिकारी बताते हैं कि पीपीपी मॉडल बस स्टेशन बनाने के लिए टेंडर प्रक्रिया की तारीख बढ़ा दी गई है. अब 16 फरवरी तक निवेशक इस टेंडर प्रक्रिया में भागीदारी के लिए आवेदन कर सकते हैं. उत्तर प्रदेश में की राजधानी लखनऊ में अभी तक पीपीपी मॉडल का एक बस स्टेशन है. शालीमार ग्रुप ने आलमबाग बस स्टेशन का निर्माण पीपीपी मॉडल पर किया था. यह बस स्टेशन काफी खूबसूरत है. देश के विभिन्न राज्यों के परिवहन निगम के अधिकारी अब तक इस बस स्टेशन की स्टडी करने आ चुके हैं. अगर 23 पीपीपी मॉडल में से जितने भी बस स्टेशन तैयार होंगे तो उत्तर प्रदेश देश में सबसे ज्यादा पीपीपी मॉडल बस स्टेशन वाला प्रदेश बन जाएगा.
इन जगहों पर बनने हैं बस स्टेशन : पीपीपी मॉडल पर कौशाम्बी (गाजियाबाद), कानपुर सेन्ट्रल, वाराणसी कैंट, सिविल लाइन्स (प्रयागराज), चारबाग बस स्टेशन (लखनऊ), अमौसी (लखनऊ), विभूतिखंड गोमतीनगर (लखनऊ), मेरठ, ट्रांसपोर्ट नगर (आगरा), ईदगाह (आगरा), आगरा फोर्ट (आगरा), अलीगढ़, मथुरा (ओल्ड), गाजियाबाद, गोरखपुर, जीरो रोड (प्रयागराज), साहिबाबाद और अयोध्या समेत 23 बस अड्डों को पीपीपी मॉडल पर तैयार किया जाएगा. यूपीएसआरटीसी के प्रवक्ता अजीत सिंह का कहना है कि उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम के प्रदेश के विभिन्न जिलों में पीपीपी मॉडल पर 23 बस स्टेशन बनने हैं. इसे लेकर तैयारी चल रही है. अब तक टेंडर प्रक्रिया में तमाम बड़े ग्रुप में आवेदन किया है. उम्मीद है कि इस बार बस स्टेशन जरूर बनेंगे. निवेशक काफी इंटरेस्ट दिखा रहे हैं. पीपीपी मॉडल स्टेशन के टेंडर प्रक्रिया में हिस्सेदारी के लिए अवधि भी बढ़ा दी गई है.
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