लखनऊ :समाज में विभिन्न तरह के लोग हैं, जो जरूरत पड़ने पर अपनों के साथ ही नहीं खड़े होते हैं. वहीं बहुत से लोग ऐसे होते हैं, जिनका किसी के साथ खून का रिश्ता तो नहीं होता. इसके बावजूद जरूरत पड़ने पर जरूर आगे कदम बढ़ाते हैं. एक युवा जो काबिल है और सक्षम भी है. बावजूद इसके उसे डिग्री लेने के बाद भी नौकरी नहीं मिलती है. नौकरी की चाह ने दर-दर भटकता है, लेकिन नौकरी हासिल नहीं होती है और यहीं से शुरू होती है 'ला वास्ते' फिल्म की कहानी.
ईटीवी भारत से खास बातचीत के दौरान बॉलीवुड एक्टर ओंकार कपूर ने फिल्म से जुड़ी जानकारी साझा की. उनके साथ ला वास्ते फिल्म के प्रमोशन के लिए साथी कलाकार भी थे. एक्टर ओंकार कपूर ने बताया कि यह फिल्म पूरी तरह से युवाओं पर आधारित है. जिस तरह से एक युवा संघर्ष का जीवन जीता है, फिल्म उसी पर केंद्रित है. पढ़े लिखे और स्किल्ड होने के बावजूद युवाओं को आज के दौर में नौकरी नहीं मिल रही है. नौकरी न मिलने से युवा पूरी तरह से टूट जाता है, क्योंकि उसके ऊपर उसके परिवार की जिम्मेदारी होती है. फिल्म के बारे में बताते हुए उन्होंने कहा कि इस फिल्म में दिखाया गया है कि किस प्रकार से युवा आज के दौर में संघर्ष करता है और नौकरी के लिए जूझ रहा है. इसके बाद उसे एहसास होता है कि जिंदगी ठहरने का नाम नहीं है, बल्कि जिंदगी हमेशा चलते रहने का नाम है. फिर इसके बाद है वह लाश उठाने का काम करता है और इसी के तहत लोगों की मदद करता नहीं हैं. ला वास्ते का मतलब है 'लाश के वास्ते'. इसमें एक्टर रोजगार ढूंढता है, लेकिन जब उसे नहीं मिलता है तो आखिर में उसे लाश उठाने का काम करना पड़ता है और इसी से उसे एक नाम और मुकाम हासिल होता है.