लखनऊ : स्कूली वाहनों में स्पीड गवर्नर के साथ छेड़छाड़ के मामले सामने आ रहे हैं. यह इसलिए भी चौंकाने वाले हैं क्योंकि स्कूल वाहनों में मासूम आवागमन करते हैं. स्कूल वाहन चालक स्कूली वाहनों से छेड़छाड़ कर स्पीड गवर्नर हटा रहे हैं या फिर उनकी स्पीड ज्यादा करके संचालित कर रहे हैं. इन स्पीड गवर्नर से छेड़छाड़ करने वाले वाहन चालकों के वाहन को फिटनेस सेंटर पर फिटनेस प्रमाण पत्र भी जारी कर दिए जा रहे हैं. इस तरह का खेल चल रहा है.
स्कूली वाहनों पर कसा जाएगा शिकंजा. इस तरह की शिकायत आरटीओ को मिली है. स्कूली वाहनों की अधिकतम स्पीड 40 किलोमीटर रखी गई है. स्पीड गवर्नर लगे होने पर इससे ज्यादा तेज वाहन नहीं भाग सकते, लेकिन हो ये रहा है कि आसानी से स्कूल वाहन 60 से लेकर 80 की स्पीड में दौड़ रहे हैं और यह कभी भी बच्चों की जान के साथ खिलवाड़ करने वाले साबित हो सकते हैं. शिकायत के बाद अब विद्यालयी परिवहन समिति के साथ परिवहन अधिकारी बैठक कर सभी वाहनों का रिपोर्ट कार्ड हासिल कर कार्रवाई करने की बात कही जा रही है.
स्कूली वाहनों पर कसा जाएगा शिकंजा.
स्कूली वाहनों में स्पीड लिमिटिंग डिवाइस या स्पीड गवर्नर में छेड़छाड़ कर वाहनों की स्पीड से खिलवाड़ किया जा रहा है. ट्रांसपोर्ट नगर स्थित आरटीओ के फिटनेस सेंटर पर इस तरह के वाहन पकड़ में आ रहे हैं. हालांकि यह तब हो रहा है जब तमाम स्कूली वाहन ओवर स्पीड में ही अंडर स्पीड का फिटनेस प्रमाण पत्र पाने में भी सफल हो चुके हैं. शहर में स्कूली वाहनों की स्पीड देखकर ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि वह स्पीड लिमिटिंग डिवाइस से लैस तो नहीं हो सकते, क्योंकि शहर के अंदर स्पीड लिमिटिंग डिवाइस में स्कूली वाहनों को 40 किलोमीटर की स्पीड तक बांधा गया है, लेकिन यह वाहन आसानी से 60 से 80 की स्पीड में भाग रहे हैं. फिटनेस कराने आने से पहले ऐसे वाहन चालक जिन्होंने स्पीड गवर्नर को डिस्कनेक्ट कर रखा है वे भूल जाते हैं कि यहां पर उनकी यह चोरी पकड़ी भी जा सकती है. परिवहन विभाग के विश्वस्त सूत्र बताते हैं कि हर रोज ऐसे वाहन फिटनेस सेंटर पर पकड़े जा रहे हैं जो स्पीड लिमिटिंग डिवाइस से छेड़छाड़ कर अपनी फुल स्पीड में दौड़ते हैं. सूत्रों का यह भी कहना है कि ऐसे स्कूल वाहन फिटनेस प्रमाण पत्र हासिल करने में भी कई बार कामयाब हो जाते हैं क्योंकि फिटनेस सेंटर पर जुगाड़ का खेल चल रहा है.
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