अवैध होटलों पर कार्रवाई करना भूल गया लखनऊ विकास प्राधिकरण. लखनऊ : पिछले पांच साल मेंअवैध होटलों में लगी आग से 11 लोगों की मौत हो चुकी है. इसके बावजूद अवैध निर्माण करके बनाए गए होटलों पर कार्रवाई शून्य है. लखनऊ विकास प्राधिकरण केवल नोटिस-नोटिस खेल रहा है. इन नोटिस से अवैध निर्माण करने वालों पर कोई असर नहीं पड़ रहा है. वर्ष 2018 जून में चारबाग के होटल विराट इंटरनेशनल और एसजेएस सात लोगों की मौत हो गई थी. इसके बाद में पिछले साल सितंबर में हजरतगंज के होटल लेवाना सुइट्स में फिर से आग लगी और यहां चार लोगों की मौत हुई थी.
अवैध होटलों पर कार्रवाई करना भूल गया लखनऊ विकास प्राधिकरण. यह तीनों होटल आवासीय भूमि पर मकान का नक्शा पास कराकर बनवाए गए थे. अवैध निर्माण था इसके बावजूद अनदेखी की गई. ऐसा ही एक मामला गोमतीनगर विवेकखंड का है जहां आवासीय प्लॉट पर होटल वैभव इन का निर्माण किया गया. इस होटल में ना केवल आवासीय नक्शा पास करा कर अवैध निर्माण हुआ है, बल्कि पीडब्ल्यूडी और रेलवे की जमीन पर कब्जा भी किया गया है. 29 अगस्त 2022 में भवन संख्या 1/12 विवेकखंड गोमतीनगर के मालिक राकेश गोयल को होटल वैभव इन के संचालन पर ध्वस्तीकरण की नोटिस दी गई थी. इसके बावजूद यह होटल आराम से संचालित हो रहा है.
अवैध होटलों पर कार्रवाई करना भूल गया लखनऊ विकास प्राधिकरण.
दूसरी ओर चारबाग में गुरुनानक मार्केट में भी अनेक अवैध होटलों का निर्माण किया जा चुका है. इस संबंध में हाईकोर्ट ने लखनऊ विकास प्राधिकरण नगर निगम को नोटिस जारी की है. यहां भी कार्रवाई की दरकार है. इसके अलावा पूरे चारबाग में ऐसे करीब 300 छोटे-बड़े होटल हैं. जहां-जहां ना तो बिल्डिंग बाइलॉज पूरे किए गए हैं ना ही अग्निशमन मानक ही नजर आ रहे हैं. इसके बावजूद यहां केवल नोटिस ही दी गई है. जब कभी किसी होटल में कोई दुर्घटना हो जाती है तो कुछ समय के लिए लखनऊ विकास प्राधिकरण, अग्निशमन विभाग, पुलिस और जिला प्रशासन कुछ सख्ती करते हैं. इसके बाद में सन्नाटा हो जाता है और कहीं कोई कार्यवाही नजर नहीं आती है.
अवैध होटलों पर कार्रवाई करना भूल गया लखनऊ विकास प्राधिकरण.
लखनऊ विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष डॉ. इंद्रमणि त्रिपाठी का कहना है कि सभी अवैध होटलों को नोटिस किए जा चुके हैं. कई जगह डिमोलिशन भी हुआ है. कुछ जगहों पर डिमोलिशन के आड़े कोर्ट का आदेश आ गया है. ऐसे में कोर्ट के आदेश के अनुपालन में कार्रवाई नहीं की जा रही है. जहां भी कोर्ट का आदेश या नोटिस नहीं है वहां पर जल्द से जल्द एक्शन लिया जाएगा. शहर में अवैध निर्माण कतई नहीं होने दिए जाएंगे.
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