लखनऊ : मोहल्ला बालकगंज में जल निगम रोड पर द्वितीय वाटर वर्कस के निर्माण के लिए 58 बीघा 17 विस्वांसी भूमि वर्ष 1987 में अर्जित की गई थी, जिस पर वाटर वर्कस निर्मित है, वाटर वर्कस के परिसर में तकनीकी दृष्टि से लगभग दो हेक्टेयर भूमि रिक्त पड़ी थी जो मोहल्ला बालकगंज की खसरा संख्या-54, 55, 57 व 58 की है. इस भूमि का स्वामित्व जलकल विभाग नगर निगम लखनऊ का है. इसी भूमि पर भूमाफिया ने कब्जा कर अस्थायी बाउण्ड्रीवाल आदि का निर्माण कर लिया गया था. जिसे शुक्रवार को अपर नगर आयुक्त ललित कुमार के निर्देश पर अधिशासी अभियंता जलकल विभाग जोन-06 की टीम एवं अलंकार अग्निहोत्री सहायक नगर आयुक्त (सम्पत्ति) एवं सम्पत्ति विभाग की टीम व सत्येन्द्र सिंह ईटीएफ प्रभारी की टीम द्वारा ध्वस्त करा दिया गया. अभियान के दौरान भूमाफिया से रिक्त कराई गई 2.2 हेक्टेयर भूमि की बाजारू कीमत 100 करोड़ रुपये से अधिक है.
नगर निगम ने पुलिस पर लगाए संगीन आरोप :नगर निगम ने पुलिस पर कई संगीन आरोप लगाए हैं. नगर निगम के अधिकारियों ने बताया कि ध्वस्तीकरण की कार्रवाई के दौरान दो पुलिस कांस्टेबल मौके पर आए एवं अपने आपको थाना-ठाकुरगंज से बताते हुए जेसीबी को रोककर कहने लगे कि आप लोग किसके आर्डर से तोड़ रहे हैं. यह अवगत कराया गया कि अपर नगर आयुक्त द्वारा अतिक्रमण हटाने हेतु निर्देशित किया गया है, परन्तु फिर भी अतिक्रमण हटाने गई टीम का सहयोग करने की बजाय उल्टा अतिक्रमणकारियों से वार्तालाप करते हुए भीड़ को उकसाते रहे. एक कांस्टेबल ने अप्रत्याशित रूप से अतिक्रमण हटाओ टीम पर पथराव करने के लिए भी उकसाया गया तथा जेसीबी रोककर उसकी चाभी निकाल ली एवं ड्राइवर को कस्टडी में ले लिया. कांस्टेबल की शह पर उपस्थित भीड़ ने उत्पात मचाते हुए नगर निगम की सरकारी जेसीबी के चारों पहिए पंचर कर दिए.
पुलिस कर रही थी अतिक्रमणकारियों का समर्थन :नगर निगम का आरोप है किस्थानीय पुलिस अतिक्रमणकारियों का खुला समर्थन कर रही थी, जिससे उनके हौसले बुलंद थे और वे अत्यधिक अक्रामक हो रहे थे. इसलिए नगर निगम व जलकल विभाग का दस्ता वापस कार्यालय में आ गया. इस प्रकार स्थानीय पुलिस द्वारा अतिक्रमणकर्ताओं का खुला पक्ष लेने के कारण अतिक्रमणकर्ताओं एवं उनके सहयोगियों द्वारा जेसीबी क्षतिग्रस्त कर नगर निगम सम्पत्ति को क्षति पहुंचायी गए तथा कार्य सरकार में व्यवधान व अभद्रता की गई.
एंटी भू-माफिया अभियान में पुलिस की भूमिका संदिग्ध :जलकल की बाउण्ड्रीवाल तोड़कर अवैध कब्जा कर बाउण्ड्रीवाल बनवाना शुरू करने पर अधिशासी अभियंता जलकल विभाग जोन-06 द्वारा थानाध्यक्ष थाना-ठाकुरगंज को तहरीर दी गई, लेकिन प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज नहीं की गई और न ही निर्माण कार्य रुकवाया गया. सूचना देने के बाद जलकल व नगर निगम अधिकारियों को थानाध्यक्ष ठाकुरगंज द्वारा पुलिस बल उपलब्ध नहीं कराया गया. इस प्रकार थाना-ठाकुरगंज द्वारा अपरोक्ष रूप से अतिक्रमणकर्ताओं का सहयोग करने के कारण उनके द्वारा निरन्तर त्वरित गति से निर्माण कराया जाता रहा. थानाध्यक्ष ठाकुरगंज को प्राप्त करायी गई, परन्तु थानाध्यक्ष द्वारा कोई सार्थक कार्रवाई नहीं की गई. वहीं शाम तक जेसीबी और ड्राइवर को भी नहीं छोड़ा गया था. स्थानीय पुलिस के उपरोक्त बर्ताव से इनकी अतिक्रमणकर्ताओं के साथ संलिप्तता एवं राज्य सरकार के एंटी भू-माफिया अभियान के प्रति सत्यनिष्ठा संदिग्ध प्रतीत होती है.
जरूरत की दुकानें तोड़ रहा लखनऊ विकास प्राधिकरण :लखनऊ विकास प्राधिकरण (एलडीए) ने शुक्रवार को गोमतीनगर विस्तार के लगभग आधा दर्जन अपार्टमेंटों में बने अस्थाई गार्ड रूम और वहां रोजमर्रा की जरूरत के लिए खुली दुकानों को अभियान चला कर तोड़ दिया. स्थानीय आवंटी लखनऊ विकास प्राधिकरण की कार्रवाई का जमकर विरोध कर रहे हैं. आवंटियों का आरोप है कि गोमतीनगर विस्तार की मार्केट में अनेक अवैध निर्माणों को नहीं लोगों की जरूरत की दुकानों को ध्वस्त किया जा रहा है.
लखनऊ जनकल्याण महासमिति के अध्यक्ष उमाशंकर दुबे का कहना है कि इस सभी दुकानों को कोरोना काल में तत्कालीन एलडीए वीसी और कमिश्नर लखनऊ के निर्देश पर आवंटियों के लिए जनहित में खुलवाया गया था. एलडीए ने बुकलेट में क्लब हाउस स्विमिंग पूल सहित रोजमर्रा की खरीदारी के लिए दुकानें देने का वादा किया था, लेकिन उसे पूरा नहीं किया. आरडब्ल्यूए ने रोजमर्रा की जरूरत जैसे सब्जी, दूध आदि के लिए दुकानें खोले तो उसे भी आज तोड़ दिया है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को सोशल मीडिया प्लेटफार्म X पर उमाशंकर दुबे ने जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई की मांग की है. दुबे ने कहा कि अवैध रूप से बनी लक्ष्मी मार्केट की दुकानों को तोड़ने के बजाय एलडीए आरडब्ल्यूए को परेशान कर रहा है. पूरे शहर में अवैध रूप से दुकानें बनी हैं. विस्तार में अवैध रूप से नानवेज की दुकानें खुली हुई हैं उसे छोड़ एलडीए आरडब्ल्यूए में बने अस्थाई गार्ड रूम को तोड़ने का काम किया है जिससे आरडब्ल्यूए ने रोष व्याप्त है. इस संबंध में रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन के प्रतिनिधि जल्द ही लखनऊ विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष से मिलकर अपनी मांग रखेंगे और इस तरह की कार्रवाई का विरोध करेंगे.
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