लखनऊ: परिवहन विभाग के उच्चाधिकारियों के आदेशों का उल्लंघन करना डिप्टी ट्रांसपोर्ट कमिश्नर को महंगा पड़ गया. बनारस परिक्षेत्र के डिप्टी ट्रांसपोर्ट कमिश्नर लक्ष्मीकांत मिश्रा पर शासन ने अनुशासनात्मक कार्रवाई कर दी है. डीटीसी पर आरोप है कि उन्होंने इंटरसेप्टर का विशेष चेकिंग के लिए इस्तेमाल नहीं किया. कई महीनों में इंटरसेप्टर से जांच के आंकड़े शून्य हैं. इससे उनकी लापरवाही उजागर होती है. परिवहन विभाग ने जिस उद्देश्य के लिए इंटरसेप्टर वाहनों की खरीद की थी उनका कोई फायदा नहीं हो रहा है. असल में इंटरसेप्टर से कोई काम ही नहीं लिया जा रहा है. खासकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र बनारस में.
इंटरसेप्टर का नहीं किया सही इस्तेमाल, डिप्टी ट्रांसपोर्ट कमिश्नर पर हुई कार्रवाई - लखनऊ खबर
परिवहन विभाग ने इंटरसेप्टर का सही से इस्तेमाल नहीं करने पर बनारस परिक्षेत्र के डिप्टी ट्रांसपोर्ट कमिश्नर लक्ष्मीकांत मिश्रा पर अनुशासनात्मक कार्रवाई की है. वाराणसी परिक्षेत्र के उप परिवहन आयुक्त पर लापरवाही का आरोप भी लगा है. कई महीनों में इंटरसेप्टर से जांच के आंकड़े शून्य हैं.
इंटरसेप्टर से नहीं कराई ओवरस्पीडिंग, ड्रंकन ड्राइविंग की चेकिंग
परिवहन विभाग ने ओवर स्पीडिंग और ड्रंकन ड्राइविंग के मामलों की जांच के लिए सभी परिक्षेत्रों को इंटरसेप्टर वाहन मुहैया कराए थे. वाराणसी परिक्षेत्र ने भी सड़क सुरक्षा कोष से आधा दर्जन इंटरसेप्टर खरीदे थे. परिवहन विभाग मुख्यालय को प्रदेश के विभिन्न परिक्षेत्रों से इंटरसेप्टर से जांच के जो आंकड़े प्राप्त हुए हैं. उनमें वाराणसी परिक्षेत्र फिसड्डी साबित हुआ. विभाग की तरफ से ओवरस्पीडिंग और ड्रंकन ड्राइविंग की जांच के लिए दिए गए इंटरसेप्टर का इस्तेमाल न करके सामान्य चेकिंग के लिए किया गया. कई महीनों में तो यहां पर इंटरसेप्टर से चालान की कोई कार्रवाई ही नहीं की गई. सिर्फ सामान्य चेकिंग कराई गई. ऐसे में परिवहन विभाग के उच्चाधिकारियों का मानना है कि सीधे तौर पर डिप्टी ट्रांसपोर्ट कमिश्नर ने उच्चाधिकारियों और मुख्यालयों के आदेशों को गंभीरता से नहीं लिया. उनकी घोर लापरवाही उजागर हो रही है.
इस नियम के तहत डीटीसी पर कार्रवाई
परिवहन विभाग के प्रमुख सचिव राजेश कुमार सिंह ने उप परिवहन आयुक्त की इस लापरवाही का उन्हें जिम्मेदार माना है. प्रथम दृष्टया उत्तरदाई पाते हुए डीटीसी लक्ष्मीकांत मिश्रा के खिलाफ उत्तर प्रदेश सरकारी सेवक (अनुशासन एवं अपील) नियमावली 1999 के नियम (सात) के अंतर्गत अनुशासनिक कार्रवाई की है.