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लखनऊ विकास प्राधिकरण ने 50 अवैध काॅलोनियों पर चलाया बुलडोजर, जानिए कैसे करें वैध-अवैध की पहचान

राजधानी लखनऊ में अवैध काॅलोनियों के निर्माण पर लखनऊ विकास प्राधिकरण कड़ी नजर रख रहा है. बीते एक महीने में प्राधिकरण ने 50 से अधिक अवैध काॅलोनियों पर बुलडोजर चला चुका है. ऐसे में मकान के लिए प्लाॅट खरीद चुके लोगों का काफी नुकसान हुआ और उनके पैसे फंस गए हैं.

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Published : Jul 8, 2023, 8:36 PM IST

लखनऊ की 50 अवैध काॅलोनियों पर चलाया बुलडोजर. देखें खबर

लखनऊ : लखनऊ विकास प्राधिकरण ने पिछले एक महीने में 50 अवैध काॅलोनियों पर बुलडोजर (LDA Run Bulldozers on Illegal Colonies) चलाया है. लखनऊ विकास प्राधिकरण से लेआउट पास कराए बिना ही कॉलोनियों का निर्माण किया जा रहा था. लगातार प्लॉट बेचे जा रहे थे. आम लोगों के लिए यह मुश्किल है कि वह कैसे पहचानें कि किस कॉलोनी में उनको निवेश करना है. लोग अपनी गाढ़ी कमाई प्लॉट खरीदने में गवां देते हैं. बाद में उनको पता चलता है कि जिस कॉलोनी में वे निवेश कर रहे हैं वह पूरी तरह से अवैध है. अक्सर लखनऊ विकास प्राधिकरण और आवास विकास परिषद ऐसी कालोनियों में खरीद-फरोख्त पर रोक लगा देता है. ऐसे में लोगों के लिए बहुत अधिक समस्या हो गई है कि वैध अवैध की पहचान कैसे की जाए. रेरा पंजीकरण नंबर और एलडीए के परमिट नंबर के जरिये किस तरह से गलत और सही की पहचान की जा सकती है .

अवैध काॅलोनियों पर लखनऊ विकास प्राधिकरण ने चलाया बुलडोजर.
अवैध काॅलोनियों की ऐसे करें पहचान.
अवैध काॅलोनियों पर लखनऊ विकास प्राधिकरण ने चलाया बुलडोजर.


लखनऊ विकास प्राधिकरण के अवैध निर्माण विरोधी अभियान के तहत लगभग हर रोज बुलडोजर चल रहा है. सुल्तानपुर रोड, हरदोई रोड, सीतापुर रोड, बिजनौर रोड, मोहनलालगंज और रायबरेली रोड के अलावा आउटर रिंग रोड के किनारे विकसित की जा रही अवैध काॅलोनियां निशाने पर हैं. अवैध काॅलोनियों पर लगातार बुलडोजर चल रहा है. जिसकी वजह से हजारों लोगों का करोड़ों रुपये फंसे हुए हैं. लोगों के लिए पहचान करना ही मुश्किल हो जाता है कि आखिर वे जिस कॉलोनी में निवेश कर रहे हैं वह वैध है या अवैध.

अवैध काॅलोनियों पर लखनऊ विकास प्राधिकरण ने चलाया बुलडोजर.
अवैध काॅलोनियों के बिल्डर की पहचान.

लखनऊ विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष डॉ इंद्रमणि त्रिपाठी ने बताया कि लोगों को लखनऊ विकास प्राधिकरण में आकर कॉलोनी की सत्यता जरूर जानी चाहिए. प्रत्येक इलाके को लखनऊ विकास प्राधिकरण ने एक जोन में बांट रखा है. हर जोन में एक प्रभारी है. जिससे प्लॉट की वैधता की जानकारी की जा सकती है. यह बहुत आसान विषय है. राजधानी के वरिष्ठ आर्किटेक्ट अनुपम मित्तल ने बताया कि टाउन प्लैनिंग के लिहाज से आज की तारीख में रेरा पंजीकरण और विकास प्राधिकरण या आवास विकास परिषद से प्ले आउट पास होना बहुत जरूरी है. ऐसा ना होना की दशा में आपका निवेश किया धन बर्बाद हो सकता है.

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