लखनऊ:अपर मुख्य सचिव पंचायती राज मनोज कुमार सिंह ने बुधवार को फतेहपुर, फर्रुखाबाद, प्रतापगढ़, मऊ, कानपुर देहात और बलिया में सामुदायिक शौचालय निर्माण, पंचायत भवन निर्माण एवं मनरेगा कार्यों में धीमी प्रगति होने पर नाराजगी व्यक्त करते हुए फटकार लगाई. इसके साथ ही इन जनपदों के मुख्य विकास अधिकारियों को निर्देशित किया है कि विकास एंव निर्माण कार्य निर्धारित समय के अंदर कराया जाना सुनिश्चित किया जाए. इसमें किसी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी.
शौचालय व पंचायती भवन निर्माण में सुस्त रफ्तार पर ACS ने लगाई फटकार - अपर मुख्य सचिव पंचायती राज मनोज कुमार सिंह
राजधानी लखनऊ में योजना भवन में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से विभागीय योजनाओं की प्रगति की समीक्षा करने के दौरान अपर मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने अधिकारियों को सख्त निर्देश देते हुए चेतावनी दी. उन्होंने शौचालय व पंचायती भवन निर्माण में सुस्त रफ्तार पर फटकार भी लगाई और तेजी लाने के निर्देश दिए.
विभागीय अधिकारियों को निर्देश, सही से और समय से हों काम
योजना भवन में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से विभागीय योजनाओं की प्रगति की समीक्षा करने के दौरान अपर मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने अधिकारियों को सख्त निर्देश देते हुए चेतावनी दी. उन्होंने कहा कि ग्राम पंचायतों में कराये जा रहे विकास एवं निर्माण कार्य सही ढंग से कराया जाए. उन्होंने कहा कि सामुदायिक शौचालय निर्माण व पंचायत भवन के निर्माण कार्य मानक एवं गुणवत्तापूर्ण ढंग से कराया जाए. इसका विशेष ध्यान रखा जाए. उन्होंने कहा कि जिन सामुदायिक शौचालयों का निर्माण कार्य पूरी तरह पूर्ण हो गया है, उन सामुदायिक शौचालयों को महिला स्वयं सहायता समूहों को रख-रखाव हेतु शीघ्र ही दे दिया जाए.
अधिकारी खुद करें काम का निरीक्षण
उन्होंने प्रदेश के सभी मुख्य विकास अधिकारियों को निर्देशित किया है कि वह जनपदों में समस्त निर्माण कार्यों का स्वयं निरीक्षण करें और अपूर्ण निर्माण कार्यों को नियमानुसार कार्यवाही करते हुए पूर्ण कराना सुनिश्चित किया जाए. इसके साथ ही क्षेत्र का भ्रमण कर ग्राम पंचायतों में कराए जा रहे कार्यों का अवलोकन अवश्य करना सुनिश्चित करें. निदेशक पंचायतीराज किंजल सिंह ने कहा कि सभी मानदेय कर्मियों का नियमित रूप से भुगतान किया जाना सुनिश्चित किया जाए. उन्होंने विभागीय अधिकारियों से यह भी कहा कि पीआईजीएफ की धनराशि व्यय करते हुए शीध्र ही उपभोग प्रमाण पत्र निदेशालय को प्रेषित किया जाए.