लखनऊ:यूपी डीजीपी व अपर मुख्य सचिव गृह ने सभी जिलों की पुलिस से प्रत्येक थाने में टॉप-10 अपराधियों की पहचान कर उनके खिलाफ कार्रवाई करने के लिये कहा है. साथ ही राज्य के टॉप-25 अपराधियों पर अब तक क्या कार्यवाई हुई इस पर भी समीक्षा बैठक की गई. अपराधियों पर कार्रवाई नहीं करने पर थाने से लेकर जिला स्तर पर अधिकारी कार्रवाई के दायरे में आएंगे.
उत्तर प्रदेश में योगी सरकार पार्ट 1 में माफ़ियायों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की गई थी. राज्य में टॉप-25 माफ़ियायों में कई जेल भेजे गए तो कई एनकाउंटर में मार गिराए गए है. एक बार फिर सरकार में आने के बाद सीएम योगी ने अधिकारियों को साफ निर्देश दिए थे कि अपराधियों के खिलाफ एक बार फिर अभियान चलाया जाए. ऐसे में अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश अवस्थी और डीजीपी मुकुल गोयल ने सभी जिलों में कानून व्यवस्था को लेकर समीक्षा बैठक की.
शासन की सख्ती : अपराधियों पर कार्रवाई नहीं करने पर नपेगा थाना और अधिकारी - डीजीपी मुकुल गोयल
यूपी डीजीपी और अपर मुख्य सचिव गृह ने सभी जिलों की पुलिस से प्रत्येक थाने में टॉप-10 अपराधियों की पहचान कर उनके खिलाफ कार्रवाई करने के लिये कहा है.
अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश अवस्थी ने अधिकारियों से कहा कि प्रदेश के प्रत्येक थाने में टॉप 10 अपराधियों को चिन्हित कर उनके विरुद्ध नियमानुसार प्रभावी कार्यवाही सुनिश्चित की जाय तथा उन पर लगातार सतर्क दृष्टि रखी जाय. उन्होंने कहा, अगर ऐसे पहचाने गए अपराधी कोई अपराध करते हैं, तो संबंधित के खिलाफ थाना और जिला स्तर पर कार्रवाई की जाएगी.
अवस्थी ने कहा, माफियाओं की पहचान की जानी चाहिए और उनके खिलाफ गैंगस्टर अधिनियम के तहत प्रभावी कार्रवाई शुरू की जानी चाहिए ताकि आपराधिक गतिविधियों में शामिल अन्य लोगों को एक संदेश मिले. अपर मुख्य सचिव गृह ने अदालतों में मामलों को प्रभावी ढंग से चलाकर अपराधियों की सजा सुनिश्चित करने के लिए अभियोजन विभाग के कार्यों की भी समीक्षा की.
डीजीपी मुकुल गोयल ने कहा कि अभियोजन विभाग के अधिकारियों की अपराधियों को सजा दिलाने में अहम भूमिका होती है और उन्हें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि चार्जशीट और मामलों की अंतिम रिपोर्ट समय पर दाखिल की जाए. बैठक में अधिकारियों को सरकार की प्राथमिकताओं और अपराध में शामिल लोगों को सजा दिलाने और उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई शुरू करने के 100 दिनों के एजेंडे से अवगत कराया गया.
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