लखनऊ:अपराधों पर लगाम लगाने के लिए कई नियम और कानून बनाए गए हैं, लेकिन इसकी जमीनी हकीकत कुछ और ही है. राजधानी में अपराधी इतने बेखौफ हैं कि दिनदहाड़े बच्चे को तेजाब पिलाने की घटना को अंजाम दे रहे हैं. अधिकारियों की लापरवाही से पिछले कुछ वर्षों में प्रदेश में एसिड अटैक की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं. नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो के आंकड़ों के अनुसार 2014 में 42, 2015 में 55 और 2016 में 57 एसिड अटैक की घटनाओं को अंजाम दिया गया है.
आरटीआई एक्टिविस्ट दुर्गा प्रसाद शुक्ला एसिड अटैक पीड़ितों के लिए काम कर रहे हैं. उनका कहना है कि 2013 में सुप्रीम कोर्ट ने एक गाइडलाइन जारी की थी. इसके तहत निर्देशित किया गया था कि एसिड की बिक्री और खरीद के रिकॉर्ड को सुरक्षित रखना है, जिससे ऐसी घटनाएं होने पर पता किया जा सके कि किन लोगों ने इसे खरीदा था.