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नहीं थम रहे एसिड अटैक के मामले, पिछले 6 सालों में 200 से ज्यादा महिलाएं हुईं शिकार

महिला सुरक्षा को लेकर सरकार भले सख्त हो फिरभी महिलाओं के विरुद्ध घटनाएं कम नहीं हो रही. महिलाओं पर एसिड एटैक (Acid Attack) की घटनाओं लगातार हो रही हैं. वैसे तो महिलाओं पर हुए इन अत्याचारों का दर्द भले ही वह बयां कर दें, मगर असल जिंदगी में एसिड एटैक का दंश उनके बयां से कही ज्यादा है.

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Published : Aug 11, 2021, 2:45 PM IST

Updated : Aug 12, 2021, 6:22 AM IST

कॉन्सेप्ट इमेज.
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लखनऊ:उत्तर प्रदेश में एसिड अटैक के मामले थमने का नाम नहीं ले रहे. बुधवार को बदायूं के सिविल लाइन थाना क्षेत्र इलाके मैं एक महिला होमगार्ड पर ज्वलनशील पदार्थ उस समय फेंक दिया गया. महिला होमगार्ड के ऊपर ज्वलनशील पदार्थ फेकने वाला कोई और नहीं उत्तर प्रदेश पुलिस का ही एक सिपाही था. फिलहाल मामले की एफआईआर पुलिस ने दर्ज कर ली है और आरोपी सिपाही तथा उसके साथी की तलाश की जा रही है.

UP में 2020 तक एसिड अटैक


वहीं अगर पिछले 6 सालों में प्रदेश में घटित एसिड अटैक का करें तो यह काफी चिंताजनक है. नेशनल क्राइम ब्यूरो रिकार्ड के आकड़ो के मुताबिक उत्तर प्रदेश में जनवरी 2020 तक 240 से ज्यादा महिलाएं एसिड की शिकार हुई हैं.

देश भर के आंकड़े

वहीं पूरे देश की बात करें तो 2014 से 2018 के बीच सबसे ज्यादा एसिड अटैक की घटनाएं हुईं हैं, और इन घटनाओं में अव्वल उत्तर प्रदेश रहा जहां 260 घटनाएं दर्ज की गई, जबकि पं. बंगाल दूसरे नंबर पर रहा जहां 248 एसिड अटैक की घटनाएं हुईं. जबकि देश की राजधानी

  • दिल्ली में 114
  • मध्य प्रदेश में 59
  • उड़ीसा में 52
  • पंजाब में 50
  • आंध्र प्रदेश में 47
  • हरियाणा में 46
  • बिहार में 39 और गुजरात में सबसे कम 37 मामले एसिड अटैक के सामने आए.
Last Updated : Aug 12, 2021, 6:22 AM IST

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