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कपड़ा व्यवसायी की हत्या में शामिल आरोपी गिरफ्तार, 25 जुलाई को हुई थी वारदात - एसीपी चौक आईपी सिंह

ठाकुरगंज थाना क्षेत्र में 25 जुलाई को सोमवार देर रात को दो बदमाशों ने कपड़ा व्यवसायी महेंद्र मौर्या की गोली मार दी थी. गोली लगने से घायल महेंद्र को आनन-फानन ट्रामा सेंटर में भर्ती कराया गया था जहां पर डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया था. जिसमें 31 जुलाई को वारदात में शामिल सतीश और मुकेश रावत को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था, लेकिन दिनेश उर्फ ठाकुर फरार चल रहा था. जिसे पुलिस ने आज गिरफ्तार कर जेल भेज दिया.

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Published : Nov 9, 2022, 9:18 AM IST

लखनऊ : ठाकुरगंज थाना क्षेत्र में 25 जुलाई को सोमवार देर रात को दो बदमाशों ने कपड़ा व्यवसायी महेंद्र मौर्या (textile businessman Mahendra Maurya) की गोली मार दी थी. गोली लगने से घायल महेंद्र को आनन-फानन ट्रामा सेंटर में भर्ती कराया गया था जहां पर डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया था. इस मामले में पुलिस टीमें कातिलों के धर पकड़ में जुटी थीं. जिसमें 31 जुलाई को वारदात में शामिल सतीश और मुकेश रावत को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था, लेकिन दिनेश उर्फ ठाकुर फरार चल रहा था. जिसे पुलिस ने आज गिरफ्तार कर जेल भेज दिया.



ठाकुरगंज के भूहर गांव (Bhuhar village of Thakurganj) के पास रहने वाले रोशन लाल मौर्य का जेएमआर नाम से मैरिज लॉन है. उनके बेटे महेंद्र की पारा में कपड़े की दुकान थी. महेंद्र रोजाना की तरह रात करीब 10 बजे दुकान बंद कर कार से घर लौट रहा था. भूहर रेलवे क्राॅसिंग के पास ही पैदल आ रहे कुछ युवकों ने उसकी कार रुकवा ली और कुछ समझने से पहले ही ताबड़तोड़ फायरिंग कर दी. फायरिंग के दौरान एक गोली कार की खिड़की का शीशा तोड़ते हुए अंदर जा धंसी. इसके बाद दो और फायर किए गए. दोनों गोलियां महेंद्र को लगीं और वह ड्राइविंग सीट पर ही खून से लथपथ होकर लुढ़क गया.

वारदात की सूचना पाकर महेंद्र के घरवाले और पड़ोसी आननफान महेंद्र को केजीएमयू ले गए जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया. इसके बाद पुलिस ने 31 जुलाई को हत्या का खुलासा करते हुए दो आरोपियों सतीश मुकेश रावत, संजय को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया. एसीपी चौक आईपी सिंह (ACP Chowk IP Singh) के मुताबिक महेंद्र की हत्या के लिए संजय मौर्या ने पांच अन्य अपराधियों का साथ लिया था. इसमें शूटर सलेमपुर पतौरा का ज्ञान सिंह यादव उर्फ ज्ञानी, बुद्देश्वर भपटामऊ का दिनेश सिंह ठाकुर, मलिहाबाद के चिहुंटा का सतीश गौतम उर्फ अनुज, दुबग्गा के अवध इंक्लेव का शनि कश्यप उर्फ कुलदीप कश्यप और सैफलपुर का मुकेश रावत शामिल है.

योजना के तहत संजय ने सभी को अलग-अलग काम दिया था. इसमें मुकेश और सतीश का काम महेंद्र की रेकी करना था. दिनेश सिंह ठाकुर का परिचय पत्र प्रयोग कर नया सिम जारी कराया गया, ताकि पुलिस न पकड़ सके. शनि कश्यप को इसके लिए रुपये दिये गये थे कि यदि वारदात के दौरान कोई विरोध होता है उससे वह संभालेगा. वारदात के समय संजय, सतीश गौतम, ज्ञान सिंह यादव और शनि भूहर पुल के नीचे पहले से इंतजार कर रहे थे. मुकेश रावत व दिनेश ठाकुर ने महेंद्र का पीछा दुकान से शुरू किया और हर पल की खबर दे रहे थे. इनमें से संजय मौर्य समेत तीन लोगों को पहले ही जेल भेजा जा चुका है. जिसमें से आज दिनेश ठाकुर को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है.

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