लखनऊ :अजय मिश्रा टेनी, कुलदीप सिंह सिंगर, चिन्मयानंद सहित भारतीय जनता पार्टी से जुड़े अनेक बड़े क्षत्रप पिछले कुछ सालों में जघन्य आरोपों में घिरते गए और उनकी साख घटती गई. अब सांसद बृजभूषण शरण सिंह पर भी यौन उत्पीड़न का आरोप लग गया है. ऐसे में अब सियासी गलियारों में यह चर्चा है कि बृजभूषण शरण सिंह भारतीय जनता पार्टी में अपनी वकत कम कर चुके हैं. हाल ही में बाबा रामदेव के खिलाफ उनके बयानबाजी से भी पार्टी नाराज बताई जा रही थी. बताया जा रहा है कि बृजभूषण शरण सिंह बहुत जल्द ही भारतीय जनता पार्टी से अपना पाला बदल सकते हैं. ऐसे में भाजपा के पास उन पर लगे यौन उत्पीड़न के आरोपों को अपना बड़ा सियासी हथियार बनाएगी.
बृजभूषण शरण सिंह भारतीय जनता पार्टी के कद्दावर नेता रहे हैं. वे कैसरगंज से भाजपा के सांसद हैं. वर्ष 2022 के विधानसभा चुनाव के बाद से लगातार वे कुछ ऐसे बयान देते रहे हैं जो भारत भारतीय जनता पार्टी नेतृत्व को अखरते रहे. भाजपा के नजदीकी कहे जाने वाले स्वामी रामदेव की कंपनी पतंजलि को लेकर भी उन्होंने कई गंभीर बयान दिए. पतंजलि के घी को लेकर उन्होंने विवादित बोल बोले. इसके बाद से लगातार भाजपा में उनकी साख कम होती जा रही है. इसी बीच में महिला पहलवानों के उन पर यौन शोषण के आरोपों ने प्रकरण को और भी गंभीर बना दिया है. ऐसे ही पहले भी भाजपा के अनेक क्षत्रप ऐसे ही गंभीर आरोपों से घिरते रहे हैं. वर्ष 2017 के बाद से ऐसे 3 बड़े मामले सामने आ चुके हैं. इस बारे में वरिष्ठ पत्रकार और राजनीतिक विश्लेषक विजय उपाध्याय बताते हैं कि निश्चित तौर पर भारतीय जनता पार्टी के बड़े क्षत्रप विवाद में फंस रहे हैं. ताजा मामले में बृजभूषण शरण सिंह को भविष्य में नुकसान का सामना करना पड़ेगा. वे अपने क्षेत्र में बहुत ही मजबूत नेता है. ऐसे में समय बताएगा कि भाजपा को उनके जाने का कितना नुकसान होगा.
भाजपा के पूर्व सांसद चिन्मयानंद : यूपी के शाहजहांपुर स्थित लॉ कालेज की छात्रा ने चिन्मयानंद पर रेप का आरोप लगाया था. रेप मामले में फंसे चिन्मयानंद को एमपी-एमएलए कोर्ट से बरी कर दिया गया. वहीं, दुष्कर्म का आरोप लगाने वाली छात्रा और उसके साथियों को भी कोर्ट ने बरी कर दिया. छात्रा पर 5 करोड़ रुपये की रंगदारी मांगने का आरोप लगा था. चिन्मयानंद के वकील ने छात्रा और उसके दोस्तों पर 5 करोड़ की रंगदारी मांगने का केस दर्ज कराया था. इस केस में भी कोर्ट ने फैसला सुनाया. कोर्ट ने मामले में सभी आरोपियों को दोषमुक्त करार दिया. वर्ष 2019 में शाहजहांपुर के स्वामी शुकदेवानंद विधि महाविद्यालय में पढ़ने वाली एलएलएम की छात्रा ने एक वीडियो में स्वामी चिन्मयानंद पर यौन शोषण के गंभीर आरोप लगाए थे. इस कॉलेज को स्वामी चिन्मयानंद का ट्रस्ट चलाता है.