लखनऊःविदेश यात्रा के लिए पासपोर्ट एक महत्वपूर्ण दस्तावेज है. पासपोर्ट बनवाने के लिए आवेदन के बाद इस प्रक्रिया का एक चरण पुलिस वेरिफिकेशन भी है. इसके बिना किसी का भी पासपोर्ट बनना नामुमकिन है. सच तो यह है कि इन दस्तावेजों की जांच के लिए पासपोर्ट और न ही पुलिस विभाग के पास कोई तकनीक है. दस्तावेजों की मूल प्रतियां और क्रिमनल रिकॉर्ड का ब्यौरा देख किसी का भी पासपोर्ट बन सकता है. सूत्रों की मानें तो पुलिस एक हजार रुपये लेकर पासपोर्ट बनवाने का सर्टिफिकेट दे देती है. पासपोर्ट ऑफिस में दूरदराज से आये पासपोर्ट धारक इसकी पुष्टि करते हैं. इस संबंध में जब क्षेत्रीय पासपोर्ट से बात की गई तो उन्होंने उच्च अफसरों का हवाला देते हुए ईटीवी भारत से बात करने से इनकार कर दिया.
पुलिस को पैसा देने के बाद भी चार माह से काट रहे चक्कर
सुलतानपुर निवासी योगेंद्र कुमार का कहना है कि वह पिछले चार माह से अपने भाई का पासपोर्ट बनवाने के लिए लखनऊ आ रहे हैं. किसी सामान्य व्यक्ति को ऑफिस में आसानी से प्रवेश करने को नहीं मिलता. पासपोर्ट ऑफिस के बाहर न तो पानी पीने और न ही बैठने की कोई व्यवस्था है. पुलिस और एलआईयू को पैसा भी दे चुके हैं लेकिन उसने रिपोर्ट गलत लगा दी, जिसकी वजह से काम लटका है.
' वेरिफिकेशन का पैसा नहीं दिया पुलिस ने रिपोर्ट लगाई निगेटिव'
नाम न छापने की शर्त पर कानपुर से पासपोर्ट बनवाने आए एक व्यक्ति का कहना है कि वो पिछले तीन महीने से पासपोर्ट बनवाने का के लिए चक्कर लगा रहे हैं. दरअसल, पुलिस ने उनकी पत्नी के पासपोर्ट वेरिफिकेशन में रिपोर्ट तो सही कर दी लेकिन, उनकी पुलिस वेरिफिकेशन रिपोर्ट अपूर्ण करते हुए खारिज कर दी. पासपोर्ट विभाग ने पुलिस वेरिफिकेशन के आधार पर आपत्ति लगा दी. उनका कहना है कि अपत्ति जानने के लिए दो दिन से लखनऊ ठहरा हुआ हैं लेकिन कोई निस्तारण नहीं हुआ. गार्ड ऑफिस के अंदर नहीं जाने दे रहे.