लखनऊ: राजधानी के रिवर बैंक कॉलोनी में पूर्व सांसद दाऊद अहमद के अवैध निर्माण को तोड़ने के लिए चल रहे अभियान के दौरान रविवार दोपहर को बड़ा हादसा हो गया. लखनऊ विकास प्राधिकरण (LDA) की ओर से किए जा रहे ध्वस्तीकरण के दौरान जेसीबी समेत चालक मलबे में दब गया. अचानक हुए इस हादसे से हड़कंप मच गया. आनन-फानन में दबे चालक को निकालने के लिए मशक्कत शुरू की गई. आधे घंटे की मेहनत के बाद मलबे में दबे चालक को सही सलामत निकाला गया. जिसके बाद से बिल्डिंग के गिराने का रुक गया है.
रिवर बैंक कॉलोनी के पास हो रहा था अवैध निर्माण
बता दें कि बसपा से पूर्व सांसद रहे दाउद अहमद द्वारा बहुमंजिला इमारत का निर्माण रिवर बैंक कॉलोनी के पास किया जा रहा था. पुराने एसएसपी ऑफिस के पास ही इसका निर्माण हो रहा था. इसको लेकर भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग की ओर से आपत्ति जताई थी. दाउद अहमद ने हाईकोर्ट का रास्ता भी अपनाया लेकिन उन्हें कोई राहत नहीं मिली. इसके बाद लखनऊ विकास प्राधिकरण ने रविवार सुबह दाउद की अवैध बिल्डिंग को गिरने की प्रक्रिया को शुरू किया. एलडीए का कहना है कि यह निर्माण अवैध रूप से किया जा रहा था. ध्वस्तीकरण के दौरान मौके पर मौजूद एडीसीपी राजेश श्रीवास्तव, एसीपी चौक आईपी सिंह, एसडीएम सहित तमाम पुलिस मौजूद रही.
संरक्षित स्मारक रेजीडेंसी को था खतरा
जिलाधिकारी व लखनऊ विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष अभिषेक प्रकाश ने बताया कि दाउद अहमद द्वारा रिवर बैंक कॉलोनी के पीछे एफ ब्लॉक में हाफिज डेरी के सामने इस बिल्डिंग का निर्माण कराया जा रहा था. जो कि केंद्रीय संरक्षित स्मारक रेजीडेंसी के विनियमित क्षेत्र में स्थित है. इस पर अधीक्षण पुरातत्वविद, भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण, लखनऊ मंडल की ओर से अक्टूबर 2018 में दाउद अहमद को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था. जिसका दाऊद की तरफ से कोई जवाब नहीं दिया गया था.
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बसपा के बड़े नेता रहे दाउद
बता दें कि दाऊद अहमद कभी बसपा के लिए तुरुप का इक्का रहे हैं. शाहाबाद से सांसद और हरदोई की पिहानी विधानसभा सीट से विधायक रहे बसपा नेता दाउद अहमद को बसपा से निकाल दिया गया था. उन पर पार्टी विरोधी गतिविधियों में लिप्त होने का आरोप लगा था. बसपा हर बार दाउद अहमद पर दांव खेलती थी लेकिन पिछले एक दशक से वह कोई भी चुनाव जीत नहीं पाए. पिछले एक दशक से वह खीरी की दोनों लोकसभा सीटों पर अपनी किस्मत आजमा चुके हैं. उनकी पत्नी ने गोला विधानसभा से विधायकी का चुनाव लड़ा था, वह भी हार गई थी. दाउद अहमद 1999 से 2004 तक शाहाबाद के बसपा सांसद रहे. 2007 से 2012 तक पिहानी हरदोई से वह विधायक रहे हैं. 2017 के विधानसभा चुनाव में वह मोहम्मदी से बसपा के टिकट पर चुनाव लड़े थे, पर हार गए थे.