लखनऊ : राजनीति में लगातार भाषा की मर्यादा खत्म होती जा रही है. तमाम पार्टियों के नेता एक-दूसरे के खिलाफ अपशब्दों का प्रयोग कर रहे हैं. इससे समझा जा सकता है कि लोकतंत्र में किस प्रकार से अपशब्दों को बढ़ावा दिया जा रहा है. यही नेता गण एक-दूसरे को गाली भी देने से बाज नहीं आ रहे हैं.
जानें क्यों राजनीति में भाषा की मर्यादा हो रही तार-तार
- लोकसभा चुनाव में सभी दलों के नेताओं ने भाषा के निम्न स्तर पर पहुंचकर तमाम तरह के न सिर्फ विवादित बयान दिए, बल्कि व्यक्तिगत टिप्पणी भी की.
- योगी सरकार के मंत्री ओमप्रकाश राजभर ने तो सभी हदें पार करते हुए अपने सहयोगी भाजपा और उसके नेताओं पर अपशब्दों को प्रयोग किया.
- राजभर ने घोसी में एक चुनावी जनसभा के दौरान भाजपा नेताओं को लेकर गाली-गलौज किया.
- राजभर के इस विवादित बयान का वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है.
- दरअसल, राजभर की नाराजगी योगी सरकार में शामिल होने के बाद से ही दिखने लगी थी.
- यह नाराजगी लोकसभा चुनाव में और मुखर तब हो गई, जब भाजपा ने उनकी पार्टी को टिकट नहीं दिया.
- इससे नाराज राजभर ने बीजेपी के खिलाफ अपने उम्मीदवार मैदान में उतार दिए.
- प्रत्याशियों को चुनाव प्रचार में उन्होंने बीजेपी को लेकर तमाम तरह की बातें कहीं.
- सातवें चरण का चुनाव-प्रचार करते समय राजभर ने घोसी में चुनावी जनसभा में बीजेपी और बीजेपी नेताओं को गाली दे दी.