लखनऊ: आम आदमी पार्टी के प्रदेश प्रभारी राज्यसभा सदस्य संजय सिंह ने मंगलवार को आरोप लगाया कि उत्तर प्रदेश में आदित्यनाथ की सरकार ने जुर्म और ज्यादती की सारी इंतहा पार कर ली है. नफरत, दुर्भावना और प्रतिशोध की राजनीति से उत्तर प्रदेश की सरकार चल रही है. उन्होंने पूछा कि बिकरू कांड में निर्दोष खुशी दुबे सहित 4 महिलाओं के खिलाफ विधि विरुद्ध कार्रवाई होने के बाद 10 महीने से जेल में क्यों हैं?
नाबालिग पर लगा डाली गंभीर धाराएं
गोमती नगर स्थित पार्टी कार्यालय पर पत्रकारों से वार्ता के दौरान बिकरू कांड की याद दिलाते हुए संजय सिंह ने कहा कि इसके बाद कई एनकाउंटर हुए थे. उसमें अमर दुबे का एनकाउंटर भी हुआ था. पुलिस ने मामले में 3 दिन पहले अमर दुबे से शादी करके आई खुशी दुबे को गिरफ्तार किया और जब मामले ने मीडिया में तूल पकड़ा तो वहां के तत्कालीन एसएसपी ने बयान दिया कि खुशी निर्दोष है और उसको छोड़ दिया जाएगा. आप नेता ने कहा कि एसएसपी के निर्दोष करार देने के बावजूद खुशी दुबे आज 10 महीने से जेल में यातनाएं झेल रही है. उसे खून की उल्टियां हो रही हैं. 2 बार बीमार होकर वह अस्पताल में भर्ती हो चुकी है. गरीब माता-पिता उसकी रिहाई के लिए गिड़गिड़ा रहे हैं. वह खुशी की हत्या का अंदेशा भी जता चुके हैं. उस पर हत्या से लेकर विस्फोटक अधिनियम तक का मुकदमा दर्ज कर दिया गया.
आम आदमी पार्टी के प्रदेश प्रभारी संजय सिंह सजा भुगत रहा ढाई साल का मासूम
संजय सिंह ने कहा कि खुशी दुबे का मामला मीडिया की सुर्खियां बनने के कारण चर्चा में आया, मगर खुशी की तरह तीन अन्य महिलाएं और एक ढाई साल का बच्चा भी है. अमर दुबे की मां क्षमा दुबे पिछले 10 महीनों से जेल में है, उनका क्या अपराध है, पुलिस बताने को तैयार नहीं है. प्रदेश सरकार और प्रशासन भी कुछ बोल नहीं रहा है. एक अन्य अभियुक्त हीरू दुबे की मां शांति दुबे को भी जेल में रखा गया है. शांति दुबे का गुनाह क्या था यह न तो योगी सरकार बताने को तैयार है और न ही पुलिस. खुशी दुबे की तरह दर्दनाक मामला विकास दुबे के घर काम करने वाली नौकरानी रेखा अग्निहोत्री का है. घटना के बाद उसे पुलिस ने उसकी 7 साल की बच्ची और ढाई साल के बच्चे के साथ जेल भेजा था. कोर्ट के हस्तक्षेप पर बच्ची तो मौसी के पास भेज दी गई, लेकिन निर्दोष बेटा मां के साथ 10 महीने से जेल में है.
मुकदमे की पहली एफआईआर की कॉपी उत्तर प्रदेश को नहीं बनने देंगे यातना गृह
संजय सिंह ने मुकदमे की पहली एफआईआर की कॉपी पेश करते हुए कहा कि इन चारों महिलाओं का नाम केस में था या नहीं, मैं पूछना चाहता हूं कि क्या प्रदेश में कानून और संविधान नाम की कोई चीज शेष है या नहीं. उन्होंने कहा कि मैं सीएम को बताना चाहूंगा कि जब तक आम आदमी पार्टी का अस्तित्व है, तब तक हम उत्तर प्रदेश को यातना गृह नहीं बनने देंगे. हम योगी आदित्यनाथ को उत्तर प्रदेश को हिटलर के गैस चैंबर जैसा नहीं बनाने देंगे.