लखनऊः आम आदमी पार्टी ने लखनऊ में महिला सम्मेलन का आयोजन किया. जिसमें उन्होंने लोकसभा, राज्यसभा के साथ-साथ विधानसभा में महिलाओं को 33 फीसदी आरक्षण दिये जाने की मांग उठाई. हालांकि पार्टी ने न तो पहली लिस्ट में इसका पालन किया और न ही दूसरी लिस्ट में.
ग्लोबल जेंडर गैप रिपोर्ट के अनुसार भारत राजनीतिक सशक्तीकरण के मामले में अट्ठारहवें स्थान पर है. राज्य विधानसभाओं में महिलाओं के लिए 33 फीसदी आरक्षण की मांग उस समय ही शुरू हो गई थी, जब 73वें संविधान संशोधन के जरिए यह अनिवार्य कर दिया गया था कि ग्राम पंचायत के मुखिया के एक तिहाई पद महिलाओं के लिए आरक्षित होंगे. इसके बाद राजनीतिक दल महिलाओं को लोकसभा और विधानसभा में 33% आरक्षण दिए जाने की वकालत तो करते रहे. लेकिन किसी ने भी पहल नहीं की. सभी राजनीतिक दलों ने महिलाओं को आरक्षण देने का लाली पॉप जरूर दिखाया. 2017 के विधानसभा चुनाव में 41 महिलाएं जीतकर विधानसभा पहुंची थी. जबकि इसके पहले विधानसभा में महिला विधायकों की संख्या 35 थी. कांग्रेस की विधायक आराधना मिश्रा के पिता प्रमोद तिवारी प्रतापगढ़ जिले की रामपुर खास सीट से 9 बार विधायक रहे. इसी तरह फैजाबाद जिले की बीकापुर सीट से जीती शोभा सिंह चौहान के पति मुन्ना सिंह चौहान पूर्व मंत्री रहे.