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UP Election 2022: स्कूल यूनिफॉर्म पर गरमाई सियासत, संजय सिंह ने ट्वीट कर साधा योगी सरकार पर निशाना

उत्तर प्रदेश के सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों को ड्रेस, जूता मोजा, स्वेटर, बैग जैसे सुविधा देने के लिए शुरू की गई डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर स्कीम अब सरकार के लिए मुसीबत का सबब बन गई है. इसको लेकर आम आदमी पार्टी लगातार योगी सरकार को कटघरे में खड़ा कर रही है. सांसद संजय सिंह ने इस मुद्दे को लेकर योगी सरकार पर सवाल खड़े किए हैं.

स्कूल यूनिफॉर्म पर गरमाई सियासत.
स्कूल यूनिफॉर्म पर गरमाई सियासत.

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Published : Dec 17, 2021, 9:58 AM IST

लखनऊ:उत्तर प्रदेश के सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों को ड्रेस, जूता-मोजा, स्वेटर, बैग जैसे सुविधा देने के लिए शुरू की गई डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर स्कीम अब सरकार के लिए मुसीबत का सबब बन गई है. इसको लेकर आम आदमी पार्टी लगातार योगी सरकार को कटघरे में खड़ा कर रही है. सांसद संजय सिंह ने इस मुद्दे को लेकर योगी सरकार पर हमला बोला है.

सांसद संजय सिंह ने ट्वीट करते लिखा कि 'आदित्यनाथ सरकार में बच्चों के साथ ऐसा भेदभाव दुर्भाग्यपूर्ण है. लाखों अभिभावक बच्चों के ड्रेस, स्वेटर, जूते-मोजे और बैग के लिए अपर्याप्त पड़ रही 1100 रुपये की धनराशि का इंतजार कर रहे है. बच्चे ठंड से बीमार पड़ रहे है, लेकिन प्रदेश सरकार टेनी को बचाने में लगी है.'

असल में, सरकार की तरफ से दावे भले ही किए जा रहे हैं, लेकिन बड़ी संख्या में अभी तक सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों के अभिभावकों के खाते में यह पैसा नहीं पहुंचा. नतीजा, सर्दी शुरू होने के बावजूद भी स्कूलों में बच्चे बिना जूते मुझे और स्वेटर पहने आ रहे हैं.

दरअसल, अभी तक सरकार के स्तर पर सरकारी प्राइमरी और अपर प्राइमरी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों को ड्रेस, जूते, मोजे , स्वेटर जैसी सुविधा उपलब्ध कराई जाती थी. इस साल सरकार ने उसकी प्रक्रिया में बदलाव कर दिया. 1100 रुपये इन बच्चों के अभिभावकों के खाते में भेजने की व्यवस्था की गई. इसको लेकर शुरुआत से ही विपक्षी दल सरकार पर उंगली उठा रहे थे.

आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह का कहना है कि अभी तक सभी अभिभावकों के खातों में यह पैसा नहीं पहुंच पाया है. उनका कहना है कि इस पैसे से यूनिफॉर्म, जूते मोजे, स्वेटर, बस्ता खरीद पाना संभव ही नहीं है. पार्टी की तरफ से इस 1100 रुपये को कम से कम 2600 रुपये किए जाने के संबंध में एक मांग पत्र भी सरकार को सौंपा गया है.

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