लखनऊ.दिल्ली की गद्दी पर सत्तासीन आम आदमी पार्टी ने अब देश के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश के चुनावी मैदान में ताल ठोकने का ऐलान कर दिया है. पार्टी के मुखिया और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली में सरकार के साथ ही पंजाब में अभी आम आदमी पार्टी मुख्य विपक्षी की भूमिका निभा रही है. अब हम उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनावों में भी उतरेंगे. 'आप' के विधानसभा चुनाव लड़ने की घोषणा के बाद उत्तर प्रदेश में खलबली का माहौल पैदा हो गया है. सभी पार्टी के नेता एवं प्रवक्ता अपनी-अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त कर रहे हैं. उत्तर प्रदेश में अब सियासत गर्म हो गई है.
आप के चुनावी एलान के बाद राजनीतिक दल दे रहे प्रतिक्रियाएं. यूपी में 'आप' का जनाधार नहींः कांग्रेस
कांग्रेस पार्टी के प्रवक्ता अंशू अवस्थी ने कहा है कि लोकतंत्र में सभी को चुनाव लड़ने का अधिकार है. चाहे वह व्यक्ति हो या पार्टी. उत्तर प्रदेश में आम आदमी पार्टी चुनाव लड़ने की सोच रही है. उनका आज उत्तर प्रदेश में जनाधार क्या है? उत्तर प्रदेश में वह हाथ पैर मार रहे हैं. सच्चाई यह है कि भारतीय जनता पार्टी की बी टीम के रूप में काम कर रहे हैं. जिस तरह से बिहार के चुनाव में ओवैसी की टीम लगी हुई थी. दरअसल, भारतीय जनता पार्टी हर मुद्दे पर उत्तर प्रदेश में विफल हुई है, चाहे वह रोजगार देने की बात हो या महिलाओं को सम्मान और सुरक्षा देने की बात हो.
सपा ने गठबंधन की अटकलों से किया किनारा
2022 के विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी के चुनाव लड़ने की घोषणा पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए समाजवादी पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता अनुराग भदौरिया ने कहा कि कौन क्या कहता है समाजवादी पार्टी इस पर विश्वास नहीं करती है. उन्होंने कहा कि समाजवादी पार्टी प्रदेश के विकास के लिए अर्जुन की तरह ध्यान देती है. आप से गठबंधन को लेकर तेजी से लग रहीं अटकलों को लेकर सपा प्रवक्ता ने किनारा कर लिया है. गठबंधन के बारे में उन्होंने कुछ भी कहने से इनकार कर दिया है. इस बारे में ऑफ द रिकार्ड प्रवक्ता एक प्रवक्ता का कहना है कि इस पर जो भी निर्णय होगा वह हमारे नेता जी का होगा. बता दें कि पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने दो दिन पूर्व ही आगामी विधानसभा चुनाव में छोटे दलों से गठबंधन की बात को स्वीकार किया था.
कोरोना काल में आप ने नहीं दिया था श्रमिकों का साथः भाजपा
ऑआप के यूपी में चुनाव लड़ने के ऐलान के बाद योगी सरकार के अल्पसंख्यक कल्याण राज्यमंत्री मोहसिन रजा की प्रतिक्रिया सामने आई है. मंत्री मोहसिन रजा ने कहा कि उनका स्वागत है लेकिन वह यह भूल गए हैं के कुछ माह पहले उन्होंने उत्तर प्रदेश में तमाम श्रमिक भाइयों को बॉर्डर पर अकेला छोड़ दिया था. केजरीवाल ने न तो उनका इलाज कराया और न ही खाना दिया. तब भी भारतीय जनता पार्टी की सरकार ने सम्मान के साथ उन लोगों को अपने घर पहुंचाया. मंत्री मोहसिन रजा ने कहा कि CAA के दौरान अरविंद केजरीवाल लोगों को बिरयानी खिला रहे थे. लेकिन जब मजदूरों की मदद की बात आई तो दूर हट गए. उन्होंने सर्जिकल स्ट्राइक के सबूत मांगे थे और जब 370 को हटाया गया तो उसको पुनः स्थापित करने को कहा, जो निंदनीय है.