उत्तर प्रदेश

uttar pradesh

ETV Bharat / state

आंदोलन में शहीद हुए किसानों के परिवार को एक-एक करोड़ मुआवजा दे सरकार : AAP - farmer movement

आदमी आदमी पार्टी ने किसान आंदोलन में शहीद हुए किसानों के परिवार को एक-एक करोड़ मुआवजा, सरकारी नौकरी और शहीद का दर्जा दिए जाने की बात कही है.यह मांग रखते हुए आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह की तरफ से इसका वीडियो जारी किया गया.

संजय सिंह, आदमी आदमी पार्टी सांसद
संजय सिंह, आदमी आदमी पार्टी सांसद

By

Published : Nov 19, 2021, 2:27 PM IST

लखनऊ: आदमी आदमी पार्टी ने किसान आंदोलन में शहीद हुए किसानों के परिवार को एक-एक करोड़ मुआवजा, सरकारी नौकरी और शहीद का दर्जा दिया जाए. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से तीनों कृषि कानून वापस लिए जाने की घोषणा के बाद पार्टी की तरफ से यह मांग उठाई गई है. आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह की तरफ से इसका वीडियो जारी किया गया.

सांसद संजय सिंह ने कहा कि इस आंदोलन में 700 से ज्यादा किसानों ने अपनी जान गंवाई है. अगर सरकार ने पहले ही बात मान ली होती तो यह किसान आज अपने परिवार के साथ घरों में सुरक्षित होते. प्रदेश प्रभारी संजय सिंह मोदी सरकार के अन्याय पर किसानों की जीत बताई है. उन्होंने अपने बयान में किसानों को उसके लिए ढेरों बधाई दी.

संजय सिंह, आदमी आदमी पार्टी सांसद
वीडियो में उन्होंने कहा कि भारत के अन्नदाता किसानों पर एक साल तक घोर अत्याचार हुआ. सैकड़ों किसानों की शहादत हुई. अन्नदाताओं को आतंकवादी कह कर अपमानित किया गया. इस पर मौन क्यों रहे मोदी जी? देश समझ रहा है चुनाव में हार के डर से तीनों काला कानून वापस हुआ. इस पूरे मामले पर आम आदमी पार्टी का पक्ष रखने के लिए लखनऊ में पार्टी कार्यालय पर प्रेस वार्ता का भी आयोजन किया गया है.
यह प्रजातंत्र की जीत है
आम आदमी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष सभाजीत सिंह ने से मोदी सरकार के इस फैसले को प्रजातंत्र की जीत बताया है. उन्होंने कहा कि अत्याचार की हार हुई है.
किसानों में खुशी का माहौल
मोदी सरकार की तरफ से लिए गए इस फैसले से किसानों में काफी खुशी का माहौल है. प्रदेश अध्यक्ष सभाजीत सिंह ने कहा कि सितंबर 2020 में मोदी सरकार की तरफ से काले कानून को लागू किया गया था. सरकार के इस कानून के कारण देश भर का किसान परेशान था. देशभर में किसानों के बीच इसको लेकर काफी आक्रोश रहा है. पंजाब और उत्तर प्रदेश के चुनावों के पहले यह फैसला लिया गया है. इसके कई मायने भी है. सरकार डर चुकी है.

ABOUT THE AUTHOR

...view details