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AAP ने नए चेहरों को दिया मौका, इन धुरंधरों को उतारा चुनावी मैदान में

यूपी विधानसभा चुनाव 2022 में पैर जमाने की जुगत तलाश रही आम आदमी पार्टी ने कई नए चेहरों पर दांव लगाया है. हाल ही, में घोषित 100 विधानसभा सीटों के प्रभारियों की सूची में अलग-अलग क्षेत्रों के धुरंधरों को शामिल किया है.

आम आदमी पार्टी.
आम आदमी पार्टी.

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Published : Sep 22, 2021, 9:16 PM IST

लखनऊ: यूपी विधानसभा चुनाव 2022 में पैर जमाने की जुगत तलाश रही आम आदमी पार्टी ने कई नए चेहरों पर दांव लगाया है. हाल ही, में घोषित 100 विधानसभा सीटों के प्रभारियों की सूची में अलग-अलग क्षेत्रों के धुरंधरों को शामिल किया है. सूची में डॉक्टर, इंजीनियर, अधिवक्ता, ग्रेजुएट, पोस्ट ग्रेजुएट से लेकर नौजवान, किसान हर वर्ग से लोगों को शामिल किया गया है. खास बात यह है कि इनमें कई ऐसे नाम भी हैं जो दूसरी पार्टी को छोड़कर आप से जुड़े हैं. पार्टी के प्रदेश प्रभारी सांसद संजय सिंह पहले ही घोषणा कर चुके हैं कि इनकी अगुवाई में पार्टी सीटों पर चुनाव लड़ेगी. सब कुछ ठीक रहा तो यही पार्टी के संभावित प्रत्याशी भी होंगे.

लखनऊ जिले में कुल नौ विधानसभा सीटें हैं. इन पर पार्टी की ओर से अपने विधानसभा सीट प्रभारियों की नामों की घोषणा की जा चुकी है. लखनऊ मध्य से नदीम अशरफ जायसी, उत्तर से अमित श्रीवास्तव, पश्चिम से राजीव बक्शी, कैंट से दुर्गेश सिंह, सरोजिनी नगर से रोहित श्रीवास्तव, बख्शी का तालाब से बलीराम वर्मा और मोहनलालगंज सूरज कुमार प्रत्याशी बनाए गए हैं.

इन नामों की हुई घोषणा

रोहित श्रीवास्तव: पार्टी ने रोहित श्रीवास्तव को सरोजनी नगर विधानसभा सीट की जिम्मेदारी सौंपी है. रोहित मूल रूप से समाजसेवी हैं और वह करीब 10 वर्षों से समाज की सेवा में लगे हुए हैं. ऑलमाइटी चिल्ड्रन एकेडमी के प्रबंधक होने के साथ वह रुद्राक्ष इंटरप्राइजेज के निदेशक भी हैं. रुद्राक्ष वेलफेयर सोसाइटी के बैनर तले वह कई वर्षों से समाज सेवा के कार्य से जुड़े हुए हैं.

दुर्गेश सिंह दीपू : लखनऊ कैंट विधानसभा क्षेत्र की जिम्मेदारी दुर्गेश सिंह दीपू को दी गई है. वह लखनऊ विश्वविद्यालय और केकेसी से ही छात्र राजनीति से जुड़े रहे. प्रगतिशील पार्टी के टिकट पर राहुल गांधी के खिलाफ अमेठी से लोकसभा का चुनाव लड़ा था. उनके पिता कुंवर रंजीत बख्श भाजपा के टिकट पर सरोजनी नगर विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ चुके हैं. दुर्गेश सिंह दीपू की पकड़ युवाओं में अच्छी मानी जा रही है.

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अमित श्रीवास्तव त्यागी : आम आदमी पार्टी के लखनऊ प्रभारी होने के साथ ही इनके पास लखनऊ उत्तर विधानसभा क्षेत्र की जिम्मेदारी है. 1982 में जन्मे अमित त्यागी कांग्रेस के सक्रिय कार्यकर्ता भी रहे हैं. लखनऊ यूथ कांग्रेस जैसे पार्टी के कई पदों की जिम्मेदारी उन्होंने संभाली है. कम उम्र में ही अमित त्यागी को युवाओं के बीच अच्छी पकड़ बनाने के लिए जाना जाता है. बीते दिनों आम आदमी पार्टी की तरफ से शहर में चले विभिन्न अभियानों का नेतृत्व उनके द्वारा किया गया. उन्हें काफी मजबूत उम्मीदवार माना जा रहा है.

नदीम अशरफ जायसी :आम आदमी पार्टी ने नदीम अशरफ जायसी को लखनऊ मध्य की जिम्मेदारी सौंपी है. नदीम अशरफ की गिनती कांग्रेस के कद्दावर नेताओं में की जाती रही थी. 2007 में कांग्रेस का साथ छोड़कर वह बसपा से जुड़े. करीब 10 साल के बाद उनकी कांग्रेस में वापसी की. हालांकि यह रिश्ता काफी दिन तक नहीं चला. फरवरी 2020 में वह आम आदमी पार्टी से जुड़े.

राजीव बख्शी :राजीव बख्शी को आम आदमी पार्टी ने पश्चिम विधानसभा क्षेत्र की जिम्मेदारी सौंपी है. उनके पिता पं. राजा राज कुमार बख्शी स्वतंत्रता संग्राम सेनानी रहे हैं. उनके परिवार का इतिहास स्वतंत्रता आंदोलन से जोड़कर देखा जाता है. दादी मां रानी धनराज पति बख्शी और दादा पं. राजा राज इन्दर नारायण बख्शी सदैव स्वतंत्रता के पक्षधर रहे. भूदान आंदोलन में सैकड़ों एकड़ जमीन दान की. इनके चचेरे दादा डॉक्टर मदन अटल को भारत चीन शांति मिशन का अध्यक्ष बनाया गया. बतौर प्रधानाचार्य उन्होंने लखनऊ के राजकुमार अकैडमी की जिम्मेदारी संभाली. वह कॉल्विन तालुकदार कॉलेज में निदेशक रहे. इसके अलावा अमेरिका, उत्तराखंड और हरियाणा में भी विभिन्न सांस्कृतिक संस्थानों में जिम्मेदारी संभाली है. कांग्रेस में सक्रिय रहे. वहां कई महत्वपूर्ण पदों की जिम्मेदारी संभाल चुके हैं.

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जातीय समीकरणों पर भी ध्यान
आम आदमी पार्टी का दावा है कि उनकी तरफ से साफ-सुथरी छवि के प्रत्याशियों को ही चुनावी मैदान में उतारने की तैयारी है. हाल ही में घोषित 100 विधानसभा प्रभारियों की सूची में इसका ध्यान रखा गया है. हालांकि, इसके साथ ही पार्टी की तरफ से जातीय समीकरणों का भी ध्यान रखा जा रहा है. इस सूची में पिछड़े वर्ग से 35 प्रभारी बनाकर उन्हें बड़ा प्रतिनिधित्व देने की कोशिश की गई है. वहीं, आप की इस सूची में 20 ब्राह्मण 16 दलित और 5 मुस्लिम नेताओं को भी प्रतिनिधित्व दिया गया है. ऐसे में यह कहना भी गलत नहीं होगा कि पार्टी जातीय समीकरणों पर भी पूरा ध्यान दे रही है.

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