लखनऊ/बहराइच :आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की कार्रवाई को लेकर उत्तर प्रदेश (ED Raids On Sanjay Singh Residence) इकाई ने बुधवार को हजरतगंज स्थित गांधी प्रतिमा के पास विरोध प्रदर्शन किया. आप कार्यकर्ता धरना देने के लिए दोपहर 1:00 बजे गांधी प्रतिमा पहुंचे थे, तभी उन्हें पुलिस ने वहां से करीब 20 मीटर दूर ही रोक लिया. इस दौरान आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओं और पुलिस के बीच में जबरदस्त नोकझोंक व नारेबाजी हुई.
प्रदर्शन करने जा रहे आप कार्यकर्ताओं का कहना था कि 'वह गांधी प्रतिमा पर शांतिपूर्ण रूप से प्रदर्शन कर सरकार के तानाशाही रवैये के खिलाफ जनता में संदेश देना चाह रहे हैं. पुलिस प्रशासन का कहना था कि 'शहर में धारा 144 लागू होने के कारण हजरतगंज में धरना प्रदर्शन पर प्रतिबंध है. इसको लेकर कार्यकर्ताओं और पुलिस के लोगों के बीच में जमकर धक्का मुक्की शुरू हो गई, जिसके बाद पुलिस ने जबरदस्ती सभी कार्यकर्ताओं को बस में बैठकर वहां से दूसरे जगह के लिए भेज दिया.'
आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता वंशराज दुबे का कहना है कि 'शराब घोटाले को लेकर ईडी पिछले 17 से अधिक महीनों से जांच कर रही है. शुरुआती जांच में पुलिस ने इस मामले में गलत तरीके से सांसद संजय सिंह को भी आरोपी बनाया था. जिसके बाद उन्होंने प्रवर्तन निदेशालय को उनका नाम जबरदस्ती शराब घोटाले में शामिल करने का आरोप लगाया था. इस मामले में सांसद संजय सिंह की ओर से प्रवर्तन निदेशालय को नोटिस भी भेजा गया था. जिसके जवाब में खुद ही प्रवर्तन निदेशालय ने अपने पत्र में कहा था कि संजय सिंह का नाम गलती से उनकी जांच में शामिल हो गया है. इसके लिए उन्होंने खेद भी व्यक्त किया था.'
प्रवक्ता ने बताया कि 'अब जब संजय सिंह भाजपा और गौतम अडानी के आपसी संबंध को लेकर लगातार हमले कर रहे हैं. इससे बौखलाकर भाजपा मशीनरी का दुरुपयोग कर आवाज उठाने वाले लोगों को चुप कराना चाह रही है. उन्होंने कहा कि जब से आम आदमी पार्टी 'इंडिया' गठबंधन में शामिल हुई है, भाजपा व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तरफ से लगातार गठबंधन में शामिल दलों के नेताओं को कभी इनकम टैक्स, प्रवर्तन निदेशालय तो कभी सीबीआई का भय दिखाकर उन्हें चुप करने में लगी हुई है. बीते दो दिनों से भाजपा सरकार ने जिस तरह से देश के वरिष्ठ पत्रकारों और राजनीतिक दलों के नेताओं पर कार्रवाई शुरू की है उसे देखकर यह साफ पता चल रहा है कि भाजपा आगामी चुनाव को लेकर पहले से ही डर गई है और अपनी हताशा मिटाने के लिए उसने इस तरह की कार्रवाई शुरू की है.'