लखनऊ: उत्तर प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए पार्टी ने 100 उम्मीदवारों की जो पहली सूची जारी की है, उसमें एक भी दागी उम्मीदवार के शामिल ना होने का दावा किया गया है. आम आदमी पार्टी प्रदेश की पहली पार्टी है जिसने अपराधियों को टिकट न देने का संकल्प किया है.
वर्तमान समय में उत्तर प्रदेश में 403 विधायकों में से 143 पर आपराधिक मामले दर्ज हैं. भारतीय जनता पार्टी के 37% विधायकों का क्रिमिनल रिकॉर्ड है. भाजपा के 114 विधायकों पर आपराधिक मुकदमे दर्ज हैं. समाजवादी पार्टी के 14, बहुजन समाज पार्टी के 5 और कांग्रेस के एक विधायक पर आपराधिक मामला दर्ज है. उत्तर प्रदेश से लोकसभा के 80 सांसदों में से 44 सांसदों पर आपराधिक मुकदमे चल रहे हैं. इसमें भाजपा के 37 बसपा के पांच और सपा के दो सांसद शामिल हैं. ऐसी स्थिति में आम आदमी पार्टी का अपराधियों को टिकट न देने का संकल्प महत्वपूर्ण माना जा रहा है.
आम आदमी पार्टी का दावा, 100 लोगों की पहली सूची में एक भी दागी उम्मीदवार नहीं - यूपी विधानसभा चुनाव 2022
राजनीति के अपराधीकरण के खिलाफ आम आदमी पार्टी ने की पहल की है. आम आदमी पार्टी के प्रदेश प्रभारी संजय सिंह ने कहा कि आम आदमी पार्टी ने उम्मीदवारों की पहली सूची जारी की है.उनमें इस बात का पूरा ख्याल रखा गया है कि किसी का कोई आपराधिक रिकॉर्ड ना हो. उन पर भ्रष्टाचार के आरोप ना हों. इसके बाद भी यदि किसी का कोई आपराधिक रिकॉर्ड पाया जाता है. तो उसका टिकट काटने का अधिकार सुरक्षित रखा गया है.
एसोसिएशन ऑफ डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स यानी एडीआर की रिपोर्ट के मुताबिक 2017 के विधानसभा चुनाव में चुनकर आए 403 विधायकों में से 147 विधायकों पर क्रिमिनल केस दर्ज हैं. एडीआर की रिपोर्ट के मुताबिक, 2017 में 403 सीटों के लिए कोई 4823 उम्मीदवार चुनाव मैदान में थे, उनमें से 859 उम्मीदवारों पर गंभीर मामले दर्ज थे. इन 859 उम्मीदवारों में से 704 उम्मीदवार ऐसे थे, जिन पर गंभीर अपराध यानी ऐसे अपराध जिसमें 5 साल या उससे ज्यादा सजा मिलती हो या गैर जमानती हों, दर्ज थे. ऐसे में आम आदमी पार्टी की अपराधियों को टिकट न देने की घोषणा महत्वपूर्ण मानी जा रही है.
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