उत्तर प्रदेश

uttar pradesh

ETV Bharat / state

जितना आईएंडसी सेंटर का महीने में बिजली का खर्च उतने में इस कंपनी ने हथियाया टेंडर

लखनऊ के आरटीओ कार्यालय के आईएंडसी फिटनेस सेंटर का टेंडर राजस्थान की एक कंपनी को मिल गया है. अब यह कंपनी इतने कम रेट में कैसे काम कर पाएगी? इस पर परिवहन विभाग की तरफ से कंपनी को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है.

etv bharat
आईएंडसी सेंटर

By

Published : Aug 7, 2022, 10:25 PM IST

लखनऊः ट्रांसपोर्ट नगर स्थित आरटीओ कार्यालय के आईएंडसी फिटनेस सेंटर का टेंडर राजस्थान की एक कंपनी ने इतने कम पैसे में हथिया लिया कि परिवहन विभाग के अधिकारी भी हैरान रह गए. आईएंडसी सेंटर में महीने में जितने का बिजली का बिल आता है उतने ही रेट का राजस्थान की कंपनी ने टेंडर डाल दिया. अब परिवहन विभाग की यह मजबूरी बन गई कि नियमों के मुताबिक जो कंपनी सबसे कम रेट में काम करने को तैयार हो उसी को काम दिया जाए.

अब यह कंपनी इतने कम रेट में कैसे काम कर पाएगी? इस पर परिवहन विभाग की तरफ से कंपनी को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है. कंपनी को सात दिन के अंदर सफाई देनी है. अधिकारियों को लग रहा है कि या तो इस कंपनी को आईएंडसी सेंटर के काम का अनुभव नहीं है इसीलिए इतने कम रेट में बिड में हिस्सा लिया या फिर कंपनी का मकसद ही भ्रष्टाचार के जरिए कमाई करना हो सकता है.

ट्रांसपोर्ट नगर स्थित इंस्पेक्शन एवं सर्टिफिकेशन (आईएंडसी) सेंटर पर वाहनों की फिटनेस के लिए परिवहन विभाग ने टेंडर निकाला था. वर्तमान में रोजमार्टा नाम की कंपनी यहां पर काम कर रही है. अगस्त के आखिरी सप्ताह तक इसी कंपनी को काम करना है. लिहाजा, इस अवधि से पहले ही टेंडर प्रक्रिया पूरी कर परिवहन विभाग ठेका उठाना चाह रहा था. विभाग की तरफ से निविदा आमंत्रित की गई और पहली बार इस प्रक्रिया में आधा दर्जन कंपनियों ने हिस्सा लिया. इसके बाद परिवहन विभाग की तकनीकी मूल्यांकन समिति ने प्राप्त बिट्स का मूल्यांकन किया इस समिति की संस्तुति पर विचार के बाद चार बिडर्स की फाइनेंशियल बिड्स को टेंडर पोर्टल पर खोले जाने की अनुमति प्रदान की गई.

यह तीन कंपनियां थी कतार में
हेल्थ एंड केयर इन कंसोर्सियम विद जीवाई फिटनेस, रेटोरिक टेक्नोलॉजी प्राइवेट लिमिटेड इन कंसोर्सियम विद एम/एस शिवकुमार, रोजमार्टा टेक्नोलॉजीज लिमिटेड और हरि फिलिंग सेंटर इन कंसोर्सियम विद प्रणाम बिल्डर्स प्राइवेट लिमिटेड एंड बालाजी फिटनेस सेंटर. इसके बाद तकनीकी मूल्यांकन में अर्ह बिडर्स की फाइनेंसियल बिडस को 28 जुलाई को ई टेंडर पोर्टल पर परिवहन आयुक्त कार्यालय के सभागार में तकनीकी मूल्यांकन समिति की उपस्थिति में खोला गया. जिन चार कंपनियों ने फिटनेस सेंटर पर काम करने के लिए कास्ट रखी. राजस्थान की कंपनी ने सभी को चौंका दिया.

पढ़ेंः 1900 करोड़ का टैक्स नहीं वसूल पा रहा परिवहन विभाग

इन कंपनियों ने रखी इतनी कॉस्ट

  • हेल्थ एंड केयर इन कंसोर्सियम विद जीवाई फिटनेस: 14 लाख 95 हजार
  • रेटोरिक टेक्नोलॉजी प्राइवेट लिमिटेड इन कंसोर्सियम विद एम/एस शिवकुमार: 2 लाख 8 हजार
  • रोजमार्टा टेक्नोलॉजीज लिमिटेड: 8 लाख 73 हजार
  • हरि फिलिंग सेंटर इन कंसोर्सियम विद प्रणाम बिल्डर्स प्राइवेट लिमिटेड एंड बालाजी फिटनेस सेंटर: 89 हजार 5 सौ 88

ये हैं कई अहम सवाल
वर्तमान में आईएंडसी सेंटर पर वाहनों के फिटनेस का जिस फर्म रोजमार्टा टेक्नोलॉजी के पास काम है उसका महीने का सिर्फ बिजली का बिल ही 80,000 रुपये से ऊपर आ रहा है. ऐसे में भला 89,000 में कंपनी काम कैसे करेगी? इसके अलावा परिवहन विभाग की शर्तों के मुताबिक हरहाल में काम निपटाने के लिए 23 कर्मचारी होने ही चाहिए. इन कर्मचारियों को प्रतिमाह न्यूनतम वेतन 10,000 देना ही होगा, तो वेतन का 2 लाख 30 हजार हो गया. ऐसे में भला जिस कंपनी के नाम टेंडर हुआ है वह यह रुपये कहां से लाएगी? बिजली गुल होने पर अक्सर जनरेटर चलाकर काम संपन्न होता है और इस पर भी हर माह 30 से 40 हजार रुपये का खर्च आता है, तो फिर कंपनी यह खर्च कहां से वहन करेगी?

2 लाख 35 हजार दे रहा परिवहन विभाग
वर्तमान में जो कंपनी आईएंडसी फिटनेस सेंटर पर काम कर रही है, परिवहन विभाग की तरफ से हर माह कंपनी को 2 लाख 35 हजार रुपये दिए जा रहे हैं. परिवहन विभाग के मानकों के मुताबिक यहां पर काम सही से संपन्न हो सके, तो इतना खर्च हरहाल में आना ही आना है, लेकिन जिस कंपनी ने सिर्फ साढ़े 89 हजार रुपये में ही काम करने के लिए टेंडर हासिल किया है वह भला कैसे काम निपटा पाएगी? यह परिवहन विभाग के अधिकारियों को भी सोचने पर मजबूर कर रहा है.

पढ़ेंः परिवहन विभाग के विशेष सचिव और एडिशनल ट्रांसपोर्ट कमिश्नर सेवानिवृत्त

फिटनेस के लिए लगी हैं अत्याधुनिक मशीनें
वाहनों की फिटनेस का काम जिस कंपनी के पास है उसी कंपनी ने आईएंडसी सेंटर पर भारत सरकार की मदद से अत्याधुनिक मशीनें भी लगाई हैं. पहली बार शुरू हुई इस व्यवस्था के तहत मशीनें लगाने पर केंद्र सरकार की तरफ से कंपनी को मदद दी गई थी, जिसकी वजह से काम चल रहा था.

परिवहन विभाग के विश्वस्त सूत्र बताते हैं कि राजस्थान की जिस कंपनी ने सिर्फ 89 हजार 5 सौ रुपये में काम करने के लिए जो टेंडर हासिल किया है, उस पर अधिकारियों को ही विश्वास नहीं है. विभाग की तरफ से कंपनी को जवाब देने के लिए नोटिस जारी किया गया है. पूछा गया है कि टेंडर के लिए जितनी कास्ट रखी है उसमें तो बिजली का बिल ही पूरा हो पाएगा, तो फिर कर्मचारियों का वेतन कैसे दिया जाएगा? सेंटर पर जो अन्य व्यवस्थाएं हैं उनको सुचारु रूप से कैसे चलाया जा सकेगा.

ऐसी ही जरूरी और विश्वसनीय खबरों के लिए डाउनलोड करें ईटीवी भारत ऐप

ABOUT THE AUTHOR

...view details