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Ayush scam : एडमिशन करने के लिए दूसरे राज्यों के 900 विद्यार्थियों को बनाया गया था मोहरा, चार्जशीट दाखिल - आयुष कॉलेजों में एडमिशन

बीते दिनों आयुष कॉलेजों में एडमिशन (Ayush scam) के नाम पर बड़ी धांधली हुई थी. इस परीक्षा में कम मेरिट के 891 विद्यार्थियों को उत्तर प्रदेश के आयुर्वेदिक होम्योपैथिक और यूनानी कॉलेज में एडमिशन दिया गया था.

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Published : Feb 18, 2023, 8:29 AM IST

लखनऊ :आयुष कॉलेजों में एडमिशन के नाम पर हुए घोटाले में सिर्फ यूपी ही नहीं बल्कि कई राज्य शामिल हैं. कोर्ट में जांच एजेंसी एसटीएफ ने इस घोटाले के मामले में जो चार्जशीट दाखिल की है. उसके मुताबिक, नीट का एग्जाम देने वाले करीब 900 विद्यार्थियों के नाम का सहारा लेकर घोटालेबाजों ने ये खेल किया. चार्जशीट के मुताबिक, जिस विद्यार्थियों के एग्जाम में अच्छे नंबर आए थे, घोटालेबाजों ने उनसे उनकी मार्कशीट मांगी और फिर जिन विद्यार्थियों का एडमिशन करना होता था उसने पैसे लेकर एडमिशन फॉर्म में उन्हीं अपात्र विद्यार्थियों की फोटो लगा एडमिशन कर दिया जाता था.


कोर्ट में दाखिल एसटीएफ की चार्जशीट के मुताबिक, जिन 900 विद्यार्थियों की मार्कशीट का इस्तेमाल घोटाले के लिए किया गया उन विद्यार्थियों में अधिकतर साउथ इंडियन स्टेट्स के थे. क्योंकि ये राज्य उत्तर प्रदेश से दूर है ऐसे में उनके नाम पर दूसरे का एडमिशन लेना आसान था. अच्छे नंबर पाने वाले विद्यार्थियों का इस्तेमाल करने के लिए सबसे पहले आयुष कॉलेजों की ओर से उन्हें फोन कर एडमिशन लेने के लिए बुलाया जाता था. साथ ही कॉलेज की मेल आईडी पर उनकी मार्कशीट, आधार कार्ड समेत कई दस्तावेज मांगे जाते थे, जिसके बाद उन्हीं दस्तावेजों का इस्तेमाल अन्य विद्यार्थियों के लिए किया जाता था.


दरअसल, 4 नवंबर को आयुर्वेद निदेशक ने राजधानी की हजरतगंज कोतवाली मे मुकदमा दर्ज करवाया था. एफआईआर में काउंसिलिंग के लिए नामित कार्यदायी संस्था अपट्रान पावरट्रॉनिक्स लिमिटेड, नामित वेंडर वी-3 सॉफ्ट सॉलूशंस तथा उसके प्रतिनिधि कुलदीप सिंह और अज्ञात को नामजद किया गया था. एफआईआर दर्ज होते ही एसएन सिंह, नोडल अधिकारी डॉ. उमाकान्त यादव, वित्त लिपिक राजेश कुमार निलंबित कर दिये गये थे. यही नहीं हेराफेरी कर एडमिशन लेने वाले सभी 819 अभ्यर्थियों को भी निलंबित कर दिया गया था. इस मामले की जब एसटीएफ ने जांच शुरू की तो नीट की मेरिट और रैंकिंग में बदलाव का डेटा एसटीएफ के हाथ लगा तो मामला खुलने लगा. जिसके बाद निलंबित आयुर्वेद निदेशक एसएन सिंह, नोडल अधिकारी उमाकांत व कुलदीप समेत 14 लोगों को जेल भेज दिया गया. एसटीएफ ने अब इस मामले में चार्जशीट कोर्ट में दाखिल कर दी है.

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