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सड़क हादसे में घायल को अस्पताल ले जाने पर पूछताछ नहीं, मिलेगा 5000 का इनाम - national health mission nhm

केजीएमयू लखनऊ कलाम सेंटर में फॉरेंसिंक ऑडेंटोलॉजिस्ट यूनिट के आठवें स्थापना दिवस समारोह का आयोजन हुआ. चौथी इंटरनेशनल कान्फ्रेंस ऑफ फॉरेंसिक ऑडेंटोलॉजिस्ट एंड चाइल्ड एब्यूस का शुभारंभ हुआ.अब घायलों की मदद करने वालों से पूछताछ की बाध्यता खत्म कर इनाम की व्यवस्ता की गई है.

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केजीएमयू लखनऊ

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Published : Mar 29, 2022, 8:12 AM IST

Updated : Mar 29, 2022, 11:23 AM IST

लखनऊःकेजीएमयू लखनऊ के कलाम सेंटर में फॉरेंसिक ऑडेंटोलॉजिस्ट यूनिट के आठवें स्थापना दिवस समारोह का आयोजन हुआ. इस दौरान दिल्ली एम्स के डॉ. आदर्श कुमार ने बताया कि सड़क हादसे में घायलों की मदद करने पर 5 हजार रुपए तक का इनाम मिलेगा. इसमें मरीज को अस्पताल में भर्ती कराना होगा, ताकि समय पर इलाज मिलने से उसकी जिंदगी बचाई जा सके.

चौथी इंटरनेशनल कान्फ्रेंस ऑफ फॉरेंसिक ऑडेंटोलॉजिस्ट एंड चाइल्ड एब्यूस में इंडियन एकेडमी ऑफ मेडिकोलीगल एक्सपर्ट (आईएएमएलई) अध्यक्ष डॉ. आदर्श कुमार ने कहा कि अभी तक लोग हादसा देखते थे. पर, पुलिस की पूछताछ की डर से घायलों की मदद से कतराते थे. अब घायलों की मदद करने वालों से पूछताछ की बाध्यता खत्म कर दी गई है. इससे लोगों में धीरे-धीरे जागरुकता बढ़ी है. केंद्र सरकार ने नया कानून बनाया है. इससे घायलों की मदद, उन्हें अस्पताल पहुंचाने व पुलिस आदि को सूचना देने पर 5 हजार रुपए तक के इनाम का प्रावधान किया गया है.

केजीएमयू लखनऊ कलाम सेंटर

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डॉ आदर्श ने बताया कि अस्पताल में घायल को भर्ती कराते वक्त मददगार को अपना मोबाइल नंबर दर्ज कराना होगा. इसमें अस्पताल व पुलिस की मदद से केंद्र सरकार द्वारा स्वीकृत धनराशि प्रदान की जाएगी. उन्होंने बताया कि अभी इस कानून के बारे में लोगों को जानकारी कम है. इस कानून का मकसद घायलों की मदद करने के लिए प्रेरित करना है.

केजीएमयू दंत संकाय की डॉ. शालिनी गुप्ता ने कहा कि दांतों से किसी की उम्र व लिंग का पता लगा सकते हैं. यह किसी भी तरह की हादसे में शव की शिनाख्त करने में मददगार साबित हो सकता है. उन्होंने बताया कि दांतों से भी जांच की जा सकती है. उन्होंने बताया कि फॉरेंसिक ऑडेंटोलॉजी यूनिट की अपनी लैब तैयार हो रही है. इसमें तीन थ्रीडी प्रिंटर आ चुके हैं. मॉलीक्यूलर जांच के लिए मशीनें मंगाई गई हैं. इसके अलावा दूसरी आधुनिक मशीनें भी लगाई जा रही हैं, जो इलाज संघ अपराधियों की पहचान में मददगार साबित होंगे.

राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन यानी एनएचएम के कर्मचाारियों ने पारस्परिक पुर्ननियुक्ति की मांग एक बार फिर से की है. इस संबंध में कई कर्मचारियों ने एनएचएम की मिशन निदेशक को पत्र दिया है. मांग की है कि विधानसभा चुनाव के कारण कई आवेदन स्थगित कर दिए गए थे. अब सरकार का गठन भी हो गया है. ऐसे में उन लोगों का म्यूचुअल ट्रांसफर किया जा सकता है.

प्रदेश भर में सीएचसी और पीएचसी पर कम्युनिटी हेल्थ ऑफिसर (सीएचओ ) समेत अन्य पैरामेडिकल स्टाफ एनएचएम के माध्यम से तैनात हैं. इसमें से बहुत सा ऐसा स्टाफ है, जो कि अपने गृह जनपद या तहसील से बहुत दूर तैनात है. कम वेतनमान में आार्थिक रूप से परेेशानी के साथ ही पारिवारिक दायित्वों के निर्वहन में भी दिक्कत होती है. इसलिए कई ऐसे कर्मचारी हैं, जो कि म्यूचुअल ट्रांसफर लेना चाहते हैं.

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Last Updated : Mar 29, 2022, 11:23 AM IST

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