लखनऊः पुलिस उपमहानिरीक्षक कार्मिक राकेश शंकर ने पत्र जारी कर मुख्य आरक्षी नागरिक सुरक्षा के पद पर प्रमोशन पाए पीएसी संवर्ग के 890 आरक्षी को मूल संवर्ग के आरक्षी पद पर वापस किया है. इससे लंबे समय से पुलिस संवर्ग में नौकरी कर रहे मुख्य आरक्षी का आरक्षी पीएसी के पद पर डिमोशन होगा.
बता दें कि उत्तर प्रदेश में आरक्षी पद पर पीएसी संवर्ग और नागरिक पुलिस संवर्ग में भर्ती की जाती है. विभिन्न कार्यों के चलते पीएसी के आरक्षी को नागरिक पुलिस और नागरिक पुलिस के आरक्षी को पीएसी में तैनाती दी जाती है, लेकिन इस तैनाती के चलते उनके संवर्ग में किसी तरह का परिवर्तन नहीं किया जाता है. आदेश के तहत 918 पुलिस कर्मचारियों की पीएसी संवर्ग में वापसी होगी, जिनमें 890 मुख्य आरक्षी मूल संवर्ग में आने के बाद आरक्षी के पद पर डिमोट होंगे. वहीं 6 सब इंस्पेक्टर मूल संवर्ग में आने के बाद मुख्य आरक्षी के पद पर डिमोट होंगे. बड़ी संख्या में 29 साल नौकरी करने के बाद यह कर्मचारी आरक्षी पद से मुख्य आरक्षी के पद पर प्रमोट हुए थे.
अधिकारियों का कहना है कि दोनों संवर्ग में प्रमोशन के अलग-अलग नियमावली लागू होती है, लिहाजा पीएसी संवर्ग के कर्मचारियों का नागरिक पुलिस संवर्ग के तहत प्रमोशन गैर कानूनी और नियम विरुद्ध है, जिसके चलते यह फैसला लिया गया है. इस फैसले के बाद नागरिक पुलिस में नौकरी कर रहे पीएसी संवर्ग के कॉन्स्टेबल जिन्हें प्रमोशन मिला था उनका नुकसान होगा.
यह भी पढ़ेंः-योगी आदित्यनाथ की बड़ी कार्रवाई, सस्पेंडेड एसपी महोबा पर दर्ज हुआ मुकदमा
संवर्ग अलग होने के नाते अलग-अलग संवर्ग में चयनित आरक्षी की नियुक्ति और पदोन्नति की अलग-अलग व्यवस्था है. इसके बावजूद भी उत्तर प्रदेश में बड़ी संख्या में पीएसी के आरक्षी नागरिक पुलिस में तैनात थे. जिनमें से बड़ी संख्या में पीएसी के आरक्षी को मुख्य आरक्षी नागरिक सुरक्षा के पद पर पदोन्नति की लिस्ट में शामिल कर दिया गया. विभाग द्वारा इस तरह की पदोन्नति को नियम विरुद्ध माना जा रहा है, जिसके चलते पुलिस उपमहानिरीक्षक ने आदेश जारी कर नागरिक पुलिस में तैनात 890 पीएसपी के आरक्षी जिन्हें नागरिक पुलिस में मुख्य आरक्षक के पद पर पदोन्नति की लिस्ट में शामिल किया गया था. उनको मूल संवर्ग और पद आरक्षी पीएसी पर वापस किया गया है.