लखनऊ: यूपी में कोरोना का प्रकोप दिनों दिन बढ़ता जा रहा है. वायरस अब हर एक पर हमला बोल रहा है. स्थिति यह है कि लखनऊ मेदान्ता अस्पताल के 44 डॉक्टर-कर्मी जांच में पॉजिटिव निकले. ऐसे में मरीजों के भी चपेट में आने का खतरा बना हुआ है. वहीं मंगलवार सुबह प्रदेश में 80 मरीज वायरस की चपेट में पाए गए. फाइनल रिपोर्ट दोपहर बाद आएगी.
यूपी में सोमवार को 1 लाख 38 हजार से अधिक कोरोना टेस्ट किए गए. इसमें 572 नए मरीजों में कोरोना की पुष्टि हुई. इतने केस एक दिन में जून में मिले थे. वहीं 34 मरीज डिस्चार्ज किए गए. यूपी में देश में सर्वाधिक 9 करोड़ 31 लाख से अधिक टेस्ट किए गए. यहां एक व्यक्ति के पॉजिटिव आने पर 42.3 लोगों की जांच की जा रही है.
वहीं लखनऊ में 55 लोगों की जांच की जा रही है. यह डब्ल्यूएचओ के मानक से अधिक है. इस दौरान केजीएमयू, एसजीपीजीआई, बीएचयू, सीडीआरआई की लैब के अलावा गोरखपुर, झांसी व मेरठ में जीन सिक्वेंसिंग टेस्ट शुरू करने के निर्देश दिए गए. इसमें अब तक सिर्फ दो डेल्टा प्लस के केस रहे. वहीं 90 फीसद से ज्यादा डेल्टा वेरिएंट ही पाया गया. सीएमओ कार्यालय के प्रवक्ता योगेश कुमार के मुताबिक मेदान्ता में संक्रमितों की चपेट में आए लोगों की जांच जारी है.
आठ ओमिक्रोन के मरीज, 80 हजार निगरानी समिति अलर्ट
17 दिसम्बर को गाजियाबाद में दो मरीजों में ओमीक्रोन की पुष्टि हुई है. यह महाराष्ट्र से आए थे. वहीं 25 दिसम्बर को रायबरेली की महिला में ओमीक्रोन वेरिएंट पाया गया. यह महिला अमेरिका से आई थी. कुल आठ ओमीक्रोन मरीजों में से तीन निगेटिव हो चुके हैं. यूपी में विदेश यात्रा व अन्य राज्य से आ रहे लोगों का कोरोना टेस्ट अनिवार्य है. एयर पोर्ट, रेलवे स्टेशन, बस स्टॉप पर जांचें हो रही हैं.