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78 लाख सहजन के पौधों का होगा रोपण, 'मिलेगा भरपूर पोषण, दूर होगा कुपोषण'

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Published : Jun 24, 2021, 12:29 PM IST

Updated : Jun 24, 2021, 2:58 PM IST

औषधीय गुणों से भरपूर सहजन का पौधा अब हर गांव में दिखेगा. यूपी में इस बार 30 करोड़ पौधारोपण का लक्ष्य रखा गया है, जिसमें सिर्फ 78 लाख सहजन के पौधों का रोपण होगा. सहजन के अधिक पौधों को लगाने के पीछे की उद्यान विभाग की मंशा कुपोषण को मात देने की है.

कॉन्सेप्ट इमेज.
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लखनऊ: उत्तर प्रदेश में इस बार 30 करोड़ पौधारोपण का लक्ष्य रखा गया है. योगी सरकार इस पौधारोपण के माध्यम से एक विश्व रिकार्ड बनाने की तैयारी में है. पिछले साल भी 240 प्रजाति के 25 करोड़ पौधे लगाए गए थे, जो ग्रीन बुक में रिकॉर्ड के रूप में दर्ज किया गया है. वहीं इस बार उद्यान विभाग ने किसानों की आय बढ़ाने के लिए ऐसे पौधों को नर्सरियों में तैयार कराया है, जो उनके स्वास्थ्य को तो बेहतर करेगा ही, साथ ही आमदनी को भी बढ़ाएगा.

यूपी में इस बार 30 करोड़ पौधारोपण का लक्ष्य रखा गया है.

बता दें कि इस बार उद्यान विभाग की तरफ से कटहल और सहजन के पौधों पर विशेष ध्यान दिया गया है. सहजन के 78 लाख पौधों का प्रदेश में रोपण किया जाएगा. यह पौधा औषधीय गुणों से युक्त माना जाता है और कुपोषण को दूर करने में सबसे बड़ी भूमिका निभाता है. उद्यान विभाग को इस बार एक करोड़ 33 लाख पौधारोपण करना है, जिसमें सबसे ज्यादा सहजन के 78 लाख पौधे शामिल होंगे. सहजन की पत्ती से लेकर छाल तक उपयोगी है. इसमें विटामिन सी, प्रोटीन, आयरन और मैग्नीशियम जैसे पोषक तत्व भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं, जो शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने के साथ कुपोषण को दूर भगाने में सबसे ज्यादा उपयोगी हैं.

सहजन से मिलेगा भरपूर पोषण, दूर होगा कुपोषण
उत्तर प्रदेश में इस वर्ष जुलाई माह में 30 करोड़ पौधारोपण का लक्ष्य निर्धारित है. वहीं उद्यान विभाग एक करोड़ 33 लाख पौधों को लगाएगा. इसके लिए नर्सरी में पौधे तैयार हैं. वहीं इस बार उद्यान विभाग ने ऐसे पौधों पर विशेष जोर दिया है, जिनका औषधि महत्व हो और वे किसानों की आय बढ़ाने में भी उपयोगी हों. इस बार उद्यान विभाग के द्वारा आंवला, अमलतास, कटहल, जामुन, सहजन और कई ऐसे औषधि पौधों को भी रोपित किया जाएगा. वहीं इन पौधों से जहां शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ेगी तो वहीं दूसरी तरफ इनसे किसानों की आय में भी इजाफा होगा. उद्यान विभाग के निदेशक आरके तोमर ने बताया कि इस बार सबसे ज्यादा सहजन के पौधों का रोपण होगा. सहजन में औषधि गुण होते हैं, जो कुपोषण को दूर भगाने में भी मदद करेगा, क्योंकि इसके सभी अंग बहुत उपयोगी हैं और इसमें भरपूर मात्रा में मिनरल के साथ पोषण भी मिलता है.

क्या हैं सहजन के उपयोग के फायदे
सहजन को देश के सभी हिस्सों में उपयोग किया जाता है. ऐसा माना जाता है कि 300 से अधिक रोगों में यह लाभदायक है. इस पौधे में 92 तरह के मल्टीविटामिन, 46 तरह के एंटी ऑक्सीडेंट और 36 तरह के दर्द निवारक गुण हैं. सहजन के इन औषधि गुणों को देखकर ही उत्तर प्रदेश की योगी सरकार इस बार पौधारोपण में सबसे ज्यादा 78 लाख सहजन के पौधे को शामिल करने का लक्ष्य रखा है. इस पौधे का फूल, फली और टहनियों का औषधि रूप में उपयोग किया जाता है. वहीं भोजन के रूप में यह पोषण देने वाला पौधा माना जाता है. इसके साथ-साथ सहजन में कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, कैल्शियम, पोटेशियम, आयरन, मैग्नीशियम, विटामिन सी व ए और बी कंपलेक्स प्रचुर मात्रा में होता है. यह भी बताया जाता है कि सहजन में दूध की तुलना में 4 गुना कैल्शियम और दोगना प्रोटीन पाया जाता है.

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किसानों की आय बढ़ाने पर होगा फोकस
इस वर्ष उद्यान विभाग ने एक करोड़ 33 लाख पौधारोपण का लक्ष्य निर्धारित किया है. विभाग द्वारा किसानों के लिए ऐसे पौधे नर्सरी में तैयार कराए गए हैं, जो जल्दी तैयार होने के साथ-साथ इनके औषधि महत्व भी हैं. किसान इन पौधों को अपने खेतों में रोपित करा कर अपनी आय को बढ़ा सकता है. इस बार महुआ के पेड़ों को भी लगाया जा रहा है. महुआ को भी पोषण से युक्त माना जाता है. इसके साथ ही कटहल, जामुन को भी विशेष प्राथमिकता दी गई है, जबकि शहरी क्षेत्र में अमलतास के पौधे भी लगाए जाएंगे.

पौधारोपण में इस बार महुआ पर होगा विशेष जोर
ग्रामीण इलाकों में आज भी महुआ के पेड़ बहुतायत दिख जाते हैं. ऐसा माना जाता है कि महुआ के फल स्वाद के साथ-साथ गांव के निर्धन परिवारों का मुख्य भोजन भी हैं. आज भी ग्रामीण इलाकों में इसे कच्चा और पका कर भी खाया जाता है. यही नहीं इसे सुखाकर आटे में मिलाकर रोटी भी बनाई जाती है. इस बार प्रदेश में 8 लाख 30 हजार महुआ के पौधों का रोपण होगा. यह कुपोषण निवारण के साथ-साथ रोग प्रतिरोधक क्षमता वृद्धि में भी खूब उपयोगी है.

Last Updated : Jun 24, 2021, 2:58 PM IST

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