लखनऊ : राजधानी लखनऊ समेत उत्तर प्रदेश में स्मार्ट मीटर की क्वालिटी को लेकर लगातार सवाल उठते ही रहे हैं. स्मार्ट मीटर की शिकायत उपभोक्ताओं ने विभाग के अधिकारियों से भी कई बार की. मीटर के खराब होने से लेकर आगे भागने और बैक होने के साथ ही नो डिस्प्ले की तमाम शिकायतें मध्यांचल कस्टमर केयर पर दर्ज हुईं. अब एक ऐसा खुलासा हुआ है जिसने स्मार्ट मीटर की स्मार्टनेस पर सवाल खड़े कर दिए हैं. उत्तर प्रदेश में जहां विद्युत उपभोक्ताओं के घर में वर्तमान में जो इलेक्ट्रॉनिक मीटर विभिन्न कंपनियों के लगे हैं उनकी गुणवत्ता बहुत ही घटिया है. इसका खुलासा पश्चिमांचल विद्युत वितरण निगम में मीटर निर्माता कंपनियों के परीक्षण खंड व स्टोर खंड के साथ मीटिंग में हुआ.
पश्चिमांचल विद्युत वितरण निगम ने पिछले तीन वर्षों में विभिन्न कंपनियों से जो मीटर खरीदा उसमें गारंटी पीरियड में 30268 मीटर खराब पाए गए. इनमें से 7,167 मीटर केवल पश्चिमांचल कंपनी में पिछले तीन वर्षों में रीडिंग जंप वाले पाए गए. 4,911 मीटर अपने आप बैक होते पाए गए यानी कि पीछे चल गए. लगभग 8238 मीटर नो डिस्पले के पाए गए. इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि प्रदेश की बिजली कंपनियों में किस प्रकार के मीटर खरीदे जा रहे हैं. घटिया मीटरों का खामियाजा प्रदेश की जनता भुगत रही है. जब उपभोक्ता शिकायत करते हैं कि उनका मीटर जंप हो गया तो उन पर स्टोर रीडिंग करने का आरोप लगाया जाता है. जब मीटर बैक हो जाता है तो बैक करने का आरोप लगता है. सबसे ज्यादा गारंटी पीरियड में खराब पाए गए उनमें प्रमुख रूप से पश्चिमांचल विद्युत वितरण निगम के अंतर्गत मॉडर्न ट्रांसफार्मर प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के गारंटी पीरियड में कुल 14 हजार 696 मीटर हैं. इनमें से 6,039 मीटर जंप और 3,980 मीटर बैक पाए गए. 3,213 नो डिस्पले आरटीसी खराब और अन्य कारणों से क्षतिग्रस्त पाए गए.