लखनऊ:प्रदेश सरकार ने राष्ट्रीय उच्चतर शिक्षा अभियान (रूसा) के अंतर्गत आधुनिक सुविधाओं के लिए वित्तीय वर्ष 2020-21 में दो राज्य विश्वविद्यालयों और 21 राजकीय महाविद्यालयों में केंद्रांश के रूप में कुल 71 लाख 19 हजार वित्तीय स्वीकृति प्रदान कर दी है. इसको लेकर उच्च शिक्षा विभाग ने आदेश जारी कर दिया है. आदेश में कहा गया है कि स्वीकृत की जा रही धनराशि का उपयोग सुनिश्चित किया जाए. किसी भी वित्तीय अनियमितता के लिए निदेशक, राष्ट्रीय उच्चतर शिक्षा अभियान (रूसा) उत्तरदायी होंगे. इतना ही नहीं पूरी धनराशि को एक साथ नहीं निकाला जा सकेगा, लेकिन आवश्यकता अनुसार निकाले जाने की अनुमति दी गई है.
दो राज्य विश्वविद्यालयों और 21 राजकीय महाविद्यालयों को मिलेंगे 71 लाख रुपये
प्रदेश सरकार ने दो राज्य विश्वविद्यालयों और 21 राजकीय महाविद्यालयों में केंद्रांश के रूप में कुल 71 लाख 19 हजार वित्तीय स्वीकृति प्रदान कर दी है. इस धनराशि की किसी भी वित्तीय अनियमितता के लिए निदेशक, राष्ट्रीय उच्चतर शिक्षा अभियान (रूसा) उत्तरदायी होंगे.
दरअसल प्रदेश सरकार ने राष्ट्रीय उच्चतर शिक्षा अभियान (रूसा) के अंतर्गत आधुनिक सुविधाओं के लिए वित्तीय वर्ष 2020-21 में दो राज्य विश्वविद्यालयों को केंद्रांश के रूप में 35 लाख 11 हजार 200 रुपये की स्वीकृति प्रदान की है. इसी तरह 21 राजकीय महाविद्यालयों में केंद्रांश के रूप में 36 लाख 7 हजार 968 रुपये की वित्तीय स्वीकृति प्रदान कर दी गई है. इसको लेकर उच्च शिक्षा विभाग ने पूर्ण रूप से आदेश जारी किया है. धनराशि से कराए जाने वाले कार्यों की गुणवत्ता आदेश के अनुसार, स्वीकृत की जा रही धनराशि से कराए जाने वाले कार्यों की गुणवत्ता, मानक और विशिष्टियों का उत्तरदायित्व संबंधित राज्य विश्वविद्यालय के कुलसचिव, संबंधित महाविद्यालयों के निदेशक, उच्च शिक्षा समेत संबंधित प्राचार्य के साथ कार्यदायी संस्था का होगा.
रोजगार प्रबंधन के लिए एक करोड़ जारी
प्रदेश सरकार ने लखनऊ विश्वविद्यालय के छात्र-छात्राओं को रोजगार और रोजगार प्रबंधन के लिए प्रशिक्षित किए जाने को वित्तीय स्वीकृति दी है. महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय रोजगार अध्ययन पीठ की स्थापना के लिए वित्तीय वर्ष 2020-21 की आय में एक करोड़ रुपये की वित्तीय स्वीकृति प्रदान की गई है. इसको लेकर उच्च शिक्षा विभाग ने आदेश जारी कर दिया है.