लखनऊःराज्य परियोजना कार्यालय के बाहर मंगलवार को 69000 प्राइमरी शिक्षक भर्ती में ओबीसी, एससी वर्ग के साथ धांधली का आरोप लगाकर अभ्यर्थियों ने प्रदर्शन किया. उनका दावा है कि सूची में ओबीसी और एससी के आरक्षण के नियमों का पालन नहीं किया गया है. एमआरसी की आड़ में ओबीसी और एससी का आरक्षण छीना जा रहा है.वहीं बेसिक शिक्षा मंत्री सतीश द्विवेदी ने बताया कि भर्ती प्रक्रिया में आरक्षण का पूरी तरह से पालन किया गया है. अभ्यर्थियों को कोई गुमराह कर रहा है.
अभ्यर्थियों ने प्रदेश सरकार पर साधा निशाना
उत्तर प्रदेश के परिषदीय प्राथमिक स्कूलों में 69000 सहायक अध्यापक भर्ती के आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों ने प्रदेश सरकार पर निशाना साधा है. अलग-अलग जिलों के सैकड़ों की संख्या में अभ्यर्थियों ने राज्य परियोजना कार्यालय के बाहर प्रदर्शन किया. अभ्यर्थियों ने आरोप लगाया कि सूची में ओबीसी और एससी के आरक्षण के नियमों का पालन नहीं किया गया है. एमआरसी की आड़ में ओबीसी व एससी का आरक्षण न छीना जाए.
एसटी के 1133 पद रह गए रिक्त
अभ्यर्थियों का दावा है कि भर्ती में अनारक्षित के लिए 34,500, ओबीसी 18598, एससी 14459 और एसटी के लिए 1354 पद आरक्षित थे. जिसमें एसटी के पर्याप्त अभ्यर्थी मौजूद न होने के कारण 1133 पद रिक्त रह गए. एक जून को अभ्यार्थियों की कैटेगरी, सब कैटेगरी और गुणांक छुपाकर 67,867 की विवादित अंतिम सूची जारी की गई. प्रदर्शन के दौरान भारी संख्या में पुलिस बल तैनात रहा. कई घंटों की कड़ी मशक्कत के बाद अभ्यर्थियों को प्रदर्शन के लिए इको गार्डन भेज दिया गया. इस दौरान कई अभ्यर्थी अपने बच्चों को लेकर धरना स्थल पर पहुंचे थे.