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69000 शिक्षक भर्ती मामले में अभ्यार्थियों ने सरकार पर लगाया आरक्षण छीनने का आरोप - राज्य परियोजना कार्यालय के बाहर प्रदर्शन

यूपी के लखनऊ में मंगलवार को शिक्षक भर्ती को लेकर अभ्यार्थियों ने राज्य परियोजना कार्यालय के बाहर जमकर प्रदर्शन किया. इस दौरान अभ्यार्थियों ने प्रदेश सरकार पर जमकर निशाना साधा. अभ्यार्थियों का आरोप है कि सरकार ने छात्रों के साथ धोखाधड़ी की है.

69000 शिक्षक भर्ती को लेकर अभ्यर्थियों ने किया प्रदर्शन.
69000 शिक्षक भर्ती को लेकर अभ्यर्थियों ने किया प्रदर्शन.

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Published : Dec 15, 2020, 9:09 PM IST

लखनऊःराज्य परियोजना कार्यालय के बाहर मंगलवार को 69000 प्राइमरी शिक्षक भर्ती में ओबीसी, एससी वर्ग के साथ धांधली का आरोप लगाकर अभ्यर्थियों ने प्रदर्शन किया. उनका दावा है कि सूची में ओबीसी और एससी के आरक्षण के नियमों का पालन नहीं किया गया है. एमआरसी की आड़ में ओबीसी और एससी का आरक्षण छीना जा रहा है.वहीं बेसिक शिक्षा मंत्री सतीश द्विवेदी ने बताया कि भर्ती प्रक्रिया में आरक्षण का पूरी तरह से पालन किया गया है. अभ्यर्थियों को कोई गुमराह कर रहा है.

बेसिक शिक्षा मंत्री सतीश द्विवेदी ने कहा अभ्यर्थियों को कोई गुमराह कर रहा है.

अभ्यर्थियों ने प्रदेश सरकार पर साधा निशाना
उत्तर प्रदेश के परिषदीय प्राथमिक स्कूलों में 69000 सहायक अध्यापक भर्ती के आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों ने प्रदेश सरकार पर निशाना साधा है. अलग-अलग जिलों के सैकड़ों की संख्या में अभ्यर्थियों ने राज्य परियोजना कार्यालय के बाहर प्रदर्शन किया. अभ्यर्थियों ने आरोप लगाया कि सूची में ओबीसी और एससी के आरक्षण के नियमों का पालन नहीं किया गया है. एमआरसी की आड़ में ओबीसी व एससी का आरक्षण न छीना जाए.

राज्य परियोजना कार्यालय के बाहर किया प्रदर्शन.

एसटी के 1133 पद रह गए रिक्त
अभ्यर्थियों का दावा है कि भर्ती में अनारक्षित के लिए 34,500, ओबीसी 18598, एससी 14459 और एसटी के लिए 1354 पद आरक्षित थे. जिसमें एसटी के पर्याप्त अभ्यर्थी मौजूद न होने के कारण 1133 पद रिक्त रह गए. एक जून को अभ्यार्थियों की कैटेगरी, सब कैटेगरी और गुणांक छुपाकर 67,867 की विवादित अंतिम सूची जारी की गई. प्रदर्शन के दौरान भारी संख्या में पुलिस बल तैनात रहा. कई घंटों की कड़ी मशक्कत के बाद अभ्यर्थियों को प्रदर्शन के लिए इको गार्डन भेज दिया गया. इस दौरान कई अभ्यर्थी अपने बच्चों को लेकर धरना स्थल पर पहुंचे थे.

बच्चों के साथ धरनास्थल पर पहुंचे अभ्यर्थी.

गलत तरीके से जारी की गई सूची
कानपुर से आये अभय सिंह ने आरोप लगाया कि 67,867 सूची में आरक्षण अधिनियम 1994 की धज्जियां उड़ाते हुए 50 प्रतिशत अनारक्षित पदों 34,500 के बाद भी चयन सूची में अवैध तरीके से सामान्य वर्ग के 7149 अभ्यर्थियों का चयन कर दिया गया है. अभ्यर्थियों के साथ पूरी तरह से धोखाधड़ी हुई है. हमारी मांगों को जल्द से जल्द से जल्द पूरा किया जाए.

भर्ती प्रक्रिया में आरक्षण के नियमों का नहीं किया गया पालन.

कोई इन अभ्यर्थियों को गुमराह कर रहा है या अभ्यर्थी जानबूझकर चीजों को नहीं समझ रहे हैं. भारत में वर्तमान समय कोई भी सरकार संविधान के द्वारा निर्धारित आरक्षण व्यवस्था का उल्लंघन नहीं कर सकती है. विशेषकर उत्तर प्रदेश की योगी सरकार कटिबद्ध है कि कोई भी भर्ती प्रक्रिया होगी तो पारदर्शिता के साथ होगी और उसमें आरक्षण के नियमों का पालन किया जाएगा. इस भर्ती प्रक्रिया में आरक्षण का पालन किया गया है.

सतीश द्विवेदी, बेसिक शिक्षा मंत्री

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