लखनऊ : 69 हजार शिक्षक अभ्यर्थियों ने शुक्रवार को पांच कालिदास मार्ग स्थित मुख्यमंत्री आवास के बाहर जमकर नारेबाजी व प्रदर्शन (69 thousand teacher recruitment candidates) किया. प्रदर्शन कर रहे अभ्यर्थियों की मांग थी की सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद उन्हें सरकार जल्द से जल्द नियुक्ति दे. मुख्यमंत्री आवास के बाहर अभ्यर्थियों के प्रदर्शन की सूचना को देखते हुए पहले से ही वहां पर भारी संख्या में पुलिस बल तैनात था. जैसे ही अभ्यर्थी मुख्यमंत्री से वार्ता करने के लिए उनके आवास पर पहुंचे तो पुलिस वालों ने उन्हें रोड पर ही रोक लिया. इस दौरान पुलिस और अभ्यर्थियों के बीच में बीच रोड पर ही नोकझोंक व झड़प शुरू हो गई. इस दौरान कुछ अभ्यर्थी बेहोश होकर गिर गए. प्रदर्शन कर रहे अभ्यर्थियों को पुलिस ने बसों में भरकर इको गार्डन भेज दिया.
69 हजार शिक्षक अभ्यर्थियों ने गुरुवार को एक बार फिर से जोरदार प्रदर्शन करते हुए बेसिक शिक्षा मंत्री संदीप सिंह के आवास का घेराव किया था. वहां से भी जब उन्हें कोई ठोस आश्वासन नहीं मिला तो उन्होंने शुक्रवार को मुख्यमंत्री से वार्ता करने की बात कही थी. इसी कड़ी में अभ्यर्थी मुख्यमंत्री वार्ता के लिए पहुंचे थे. शिक्षक अभ्यर्थियों का कहना था कि 11 महीने पहले सुप्रीम कोर्ट ने उनके पक्ष में निर्णय दिया है. सरकार उन्हें नियुक्ति देने के बजाय उल्टा उनके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जा रही है. प्रदर्शन कर रहे अभ्यर्थियों ने कहा कि 'अब वह अपनी नियुक्ति के लिए आर पार की लड़ाई शुरू करेंगे. उनका कहना था कि जब तक नियुक्ति के लिखित कार्रवाई नहीं हो जाती तब तक वह मुख्यमंत्री विभाग के मंत्री के आवास के बाहर इसी तरह प्रदर्शन करते रहेंगे.'
अभ्यर्थियों का कहना था कि 'गुरुवार को जब बेसिक शिक्षा मंत्री के आवास का घेराव किया था तो उन्होंने अभ्यर्थियों के प्रतिनिधि मंडल से मुलाकात करने से मना कर दिया था. इसके बाद प्रतिनिधि मंडल को निदेशालय भेजा गया जहां पर विभागीय अफसर से बातचीत कर मामले को हल करने का भरोसा दिया गया था. अभ्यर्थियों का कहना है कि वह अपनी नियुक्ति चाहते हैं ना कि भरोसा. सरकार हाईकोर्ट व सुप्रीमकोर्ट में मुकदमा हार चुकी है तो उसे इसे लागू करने में क्या दिक्कत हो रही है. अभ्यर्थियों का कहना था कि मुख्यमंत्री हमारे प्रकरण को संज्ञान में लेकर जल्द न्याय करें.'