लखनऊ :69 हजार पदों की शिक्षक भर्ती में शामिल अभ्यर्थियों ने बुधवार को बेसिक शिक्षा मंत्री संदीप सिंह के राजधानी स्थित घर का घेराव कर जमकर प्रदर्शन किया. प्रदर्शन कर रहे अभ्यर्थियों का कहना है कि 'भर्ती प्रक्रिया में सरकार की ओर से हमारे आरक्षण निर्धारण को लेकर लापरवाही बरती गयी. जिस कारण सैकड़ों की संख्या में अभ्यर्थी नौकरी पाने से वंचित रह गए हैं. जिसके चलते हम आंदोलन को बाध्य हैं.'
अभ्यर्थियों ने घेरा बेसिक शिक्षा मंत्री का आवास प्रदर्शन कर रहे अभ्यर्थियों ने कहा कि 'हमारे पक्ष को सुनकर योगी सरकार उसे न्यायालय की डबल बेंच के सामने रखे, जिससे हमें न्याय मिल सके. अपनी मांगों के समर्थन में कई जिलों से आये अभ्यर्थी बेसिक शिक्षा मंत्री के आवास पर पहुंचे थे, जहां उन्होंने नारेबाजी भी की. आंदोलन की सूचना मिलने पर मौके पर पहुंची पुलिस ने मंत्री के आवास को घेर लिया. जैसे ही अभ्यर्थियों ने मंत्री के आवास की ओर कूच कर प्रदर्शन करना शुरू किया, मौके पर मौजूद भारी पुलिस बल अभ्यर्थियों को वहां से पकड़कर दूसरे जगह ले गई.
अभ्यर्थियों ने घेरा बेसिक शिक्षा मंत्री का आवास अभ्यर्थियों ने बताया कि '69 हजार पदों कि शिक्षक भर्ती में आरक्षण नियम लागू करने में गड़बड़ी हुई थी. मामले को लेकर वे राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग गए थे, जहां आयोग ने भी इस गड़बड़ी को माना और यूपी सरकार को इसमें सुधार कर भर्ती से छूटे पात्र अभ्यर्थियों कि नियुक्ति के लिए कहा. अभ्यर्थियों का कहना है कि 'सरकार इस मामले में कोर्ट में अपना पक्ष रखकर मामला निस्तारित कराये जिससे नियुक्ति हो सके. मंत्री के आवास का घेराव कर प्रदर्शन कर रहे अभ्यर्थी किसी जिम्मेदार अधिकारी से बात करने की मांग कर रहे हैं.'
हाईकोर्ट ने 68 सौ शिक्षकों की भर्ती रद्द कर दी है, इसके बाद से अभ्यर्थी लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं. बीते सोमवार को हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने 69 हजार सहायक शिक्षक भर्ती मामले में फैसला सुनाते हुए कहा था कि 'राज्य सरकार ने भर्ती करते समय आरक्षण के नियमों का ठीक से पालन नहीं किया. ऐसे में सरकार 1 जून 2020 को जारी चयन सूची की समीक्षा करे. इस बार समीक्षा करते समय आरक्षण के नियमों का सही से पालन किया जाए. यह तय किया जाए कि कुल पदों के सापेक्ष आरक्षण 50 प्रतिशत से अधिक न होने पाए. यह काम तीन महीने में पूरा कर लिया जाए. कोर्ट ने 5 जनवरी 2022 को जारी 6800 शिक्षकों की चयन सूची को रद्द कर दिया है. यह निर्णय जस्टिस ओपी शुक्ला की बेंच ने 100 से अधिक याचिकाओं के एक साथ निस्तारित करते हुए सुनाया.
यह भी पढ़ें : Work Boycott of Electrician : लखनऊ में आज नहीं होगा कार्य बहिष्कार, कल से होगी हड़ताल